समय न्यूज़ 24 डेस्क
हजारीबाग: बिष्णुगढ थाना क्षेत्र के भेलवारा पंचायत के बिसूइया ग्राम निवासी लालजी सौरेन के 32 वर्षीय पुत्र महादेव सौरेन का शव एक महीने के बाद 29 जून को स्वदेश दिल्ली लौटा है। लेकिन चार दिनों से दिल्ली में मार्चरी में ही रखा पड़ा हैं। कंपनी के द्वारा उचित मुआवजे नहीं मिलने से परिजन शव को लेने से इंकार कर रहें हैं।बताते चलें कि 27 मई 2020 को अफ्रीका के मरुतानियां में माहेदेव सौरेन की मौत हो गयी थी।महादेव सौरेन के शव को दक्षिण अफ्रीका से मंगाने को लेकर महादेव सौरेन की पत्नी मंजू देवी ने सरकार से गुहार लगायी थी।परिजनों ने बताया कि परिवार की खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए महादेव सौरेन कल्पतरू ट्रांसमिशन कंपनी में दक्षिण अफ्रीका के मरूतानियां गया था।लेकिन पिछले 27 मई 2020 को कंपनी के द्वारा मौत की सूचना मिली।लेकिन आज तक कंपनी वाले मौत का कारण आकस्मिक बता रहीं हैं।जबकि पता चल रहा हैं कि उसकी मौत टावर से गिरने से मौत हुई हैं।
जबतक हमें कंपनी उचित मुआवजे नहीं देती हैं तबतक शव को नही रिसीव करेंगे।इस संबंध में प्रवासी मजदूरों की हितों में कार्य करने वाले समाजसेवी सिकन्दर अली कंपनी से लगातार संपर्क कर मामले को हल करने में जुटे हैं।मृतक महादेव सौरेन अपने पीछे बेटी सविता कुमारी (11), रविवंती कुमारी (08),प्रमिला कुमारी और मात्र मासूम बेटा हेमंत सौरेन(05)को छोड़ गया हैं।
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