समय न्यूज़ 24 डेस्क
आज दिनांक 26.06.2020 को उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी श्रीमती नैन्सी सहाय ने करौं प्रखण्ड अंतर्गत विभिन्न गांवों का निरीक्षण कर कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न समाजिक दूरी से निपटने तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के उद्देश्य से मनरेगा योजना के तहत तीन महत्वपूर्ण एवं महत्वाकांक्षी योजना यथा-नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना एवं वीर शहिद पोटो हो खेल विकास योजना का निरीक्षण कर वास्तुस्थिति का जायजा लिया। इसके अलावे उपायुक्त द्वारा ’’पानी रोको पौधा रोपो’’ अभियान की शुरुआत करते हुए इस संदर्भ में लोगों को जानकारी देते हुए कहा गया कि इन योजनाओं के माध्यम से हम अधिक से अधिक लोगों को रोजगार दे सकेंगे और जल एवं मृदा संरक्षण के कार्यों से गांव का पानी गांव में और खेत का पानी खेत में हीं रहेगा। इससे हम जिले के प्रत्येक गांव एवं टोला में वर्षा जल का संरक्षण कर भूजल को रिचार्ज करने में सफल हो सकेंगे। इसके तहत पंचायतवार लक्ष्य की अभिप्राप्ति हेतु इस अभियान का नियमित अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण करने हेतु संबंधित अधिकारियों को उपायुक्त ने आवश्यक व उचित दिशा-निर्देश दिया गया है।
इस दौरान उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निदेशित किया कि योजना के तहत कार्य कर रहे श्रमिकों को साफ-सफाई के साथ-साथ शारीरिक दूरी का पालन करते हुए अपने कार्यों का निर्वहन करे, इस बात का विशेष ध्यान रखें। इसके अलावा निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त ने चल रहे आम बागवानी कार्यक्रम को लेकर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक व उचित दिशा-निर्देश दिया। योजनाओं के निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त श्रीमती नैंन्सी सहाय करौं प्रखण्ड अन्तर्गत ग्राम-खमरबाद, पंचायत-बारा में बिरसा हरित ग्राम योजना के अलावा ग्राम-सिंहपुर, पंचायत-डिंडाकोली में नर्सरी व मनरेगा योजना के तहत सिंचाई कूप कार्यों के वस्तुस्थिति से अवगत हुई।
उपायुक्त ने कृषकों के बीच मछली का जीरा व अरहर के बीज का किया वितरण
करौं प्रखण्ड अन्तर्गत रानीडीह पंचायत भवन में NFSM योजना के तहत कृषकों के बीच अरहर बीज का वितरण कर करौं प्रखण्ड कार्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान उपायुक्त द्वारा करौं प्रखण्ड कार्यालय परिसर में कृषक मित्रों के बीच मत्स्य बीज का वितरण किया गया। साथ हीं कृषक मित्रों को संबोधित करते हुए कहा कि बीज वितरण का मुख्य उद्देश्य बेरोजगार लोगों को ग्राम में हीं स्वरोजगार से जोड़ना है। ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले अधिकांश लोग कृषि, बागवानी और पशुपालन पर निर्भर रहते हैं। ऐसे में सरकार व जिला प्रशासन द्वारा मछली पालन एवं उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस योजना से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
इसको लेकर उन्होंने संबंधित अधिकारियों के साथ जिला मत्स्य पदाधिकारी और प्रखंड स्तर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, पंचायत सचिव, ग्राम रोजगार सेवक, मत्स्य प्रसार पर्यवेक्षक, ग्राम संगठन पंचायत प्रतिनिधि, सीएफटी के सदस्यों को आपसी समन्व्य के साथ बेहतर कार्य करने का निदेश दिया। इसके अलावा उन्होंने मनरेगा एवं मत्स्य विभाग द्वारा चलाये जा रहे योजनाओं की जानकारी के व्यापक प्रचार-प्रसार करने का निदेश दिया।
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