सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर अपने खेतों में काम कर रही हैं महिला कृषक....
सखी मंडल की सक्रिय महिलाओं द्वारा ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने व कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव की दी जा रही है जानकारी....
वर्तमान में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव एवं इसके रोकथाम हेतु समाजिक दूरी बनाये रखने को लेकर जिला प्रशासन द्वारा लगातार कार्य किया जा रहे है। साथ हीं लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वे घर में हीं रहकर स्वयं को व अपने परिवार को सुरक्षित रखें एवं अत्यंत आवश्यक कार्य होने पर हीं अपने घरों से बाहर निकलें व सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए कार्य करें।
इसी कड़ी में देखा जा रहा है कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलायें जागरूक हो कर अपने स्वास्थ्य का समुचित ध्यान रख रही हैं एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर अपने खेतों में काम कर रही हैं। सिर्फ इतना हीं नहीं उनके द्वारा कृषि संबंधी कार्यों को करते समय नाक-मुँह को ढँकने हेतु मास्क, रुमाल अथवा साफ सूती कपड़े का प्रयोग किया जा रहा है एवं थोड़े-थोड़े समय पर हाथों को साबुन और पानी से धोया जा रहा है। इसके अलावा पानी भरने हेतु उनके द्वारा चापाकल के समीप गोल घेरा का निर्माण किया गया है, ताकि पानी भरते समय वे एक दूसरे से समुचित दूरी पर खड़ा रहकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर सकें। सिर्फ इतना हीं नहीं ये सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रोजमर्रा के अन्य कार्य भी कर रही हैं एवं दूसरों को भी ऐसा करने हेतु प्रेरित कर रही है, ताकि लोग सजग व सतर्क रहते हुए कोरोना वायरस के संक्रमण से अपना व अपने परिवार का बचाव कर सकें।
ज्ञातव्य है कि वर्तमान में कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए इसके संक्रमण व फैलाव की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम हेतु लॉक डाउन के बाबजूद लोगों को स्वयं से सतर्क व सजग रहने की आवश्यकता है, परंतु जीवन निर्वाह के लिए आवश्यक रोजमर्रा के दैनिक कार्यों हेतु भी कभी-कभी लोगों को घर से बाहर निकलना पड़ रहा है, खासकर अभी खेती-बाड़ी का समय होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को घर से बाहर निकल कर खेतों में जाकर कृषि संबंधी आवश्यक कार्य करने पड़ रहे हैं। ऐसे में लोगों के एक-दूसरे के सम्पर्क में आने की संभावना बन जाती है। परन्तु स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिकोण से ग्रामीणों द्वारा एक- दूसरे के बीच सामाजिक दूरी बनाते हुए खेती-बाड़ी व रोजमर्रा के अन्य कार्य किये जा रहे हैं, जो कि वास्तव में सराहनीय है। सिर्फ इतना हीं इन महिलाओं द्वारा स्वयं तो विभिन्न स्वास्थ्य सुरक्षा उपाय अपनाते हुए सोशल डिस्टेंस का पालन किया जा रहा हीं है साथ हीं दूसरे को भी ऐसा करने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। इसके अलावा इन महिलाओं द्वारा कोरोना वायरस से बचाव एवं सुरक्षा के विभिन्न तरीकों/ नियमों इत्यादि को पट्टियों पर लिखकर गांव के खेतों और मेड़ों पर जगह-जगह लगाया गया है। साथ ही गांव से गुजरते वक्त यह महिलाएं इन नियमों के बारे में ग्रामीणों को भी जानकारी दे रही हैं, जिससे गांव का हर व्यक्ति जागरूक एवं सतर्क रहे।
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