धनबाद। जिला परिषद सदस्य अशोक कुमार सिंह ने परिसदन में प्रेस वार्ता कर मुख्यमंत्री रघुवर दास के उस बयानों का तीव्र विरोध किया, जिसमें उन्होंने पंचायत प्रमंडल स्तरीय भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन में पंचायत समिति के कार्यो पर निगरानी रखने की नसीहत पार्टी के कार्यकर्ताओं को दी। सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा था कि पार्टी द्वारा ग्राम विकास समिति का अध्यक्ष बनाया जाए तथा उक्त समिति का अध्यक्ष महिला मुखिया हो। इस पर श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान से स्पष्ट होता है कि वह त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को ध्वस्त करना चाहते हैं। पंचायती राज का उद्देश्य कामों को विकास के माध्यम से सशक्त बनाना है। मगर गांव की सरकार को राज्य के मुखिया नजरअंदाज कर रहे हैं। जो अधिकार पंचायत समिति को मिलना चाहिए वह नहीं दिया जा रहा है । चुनाव जैसे जैसे नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे भाजपा सरकार शिगूफा छोड़ते जा रहे हैं। जो राजनीति से प्रेरित है जब पार्टी के पंचायत प्रभारी के बैंक खाते में विकास की राशि भेजी जाएगी तो फिर चुने हुए जनप्रतिनिधियों का क्या काम है। जिप सदस्य श्री सिंह ने डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड से राज्य को प्रतिवर्ष 12 सौ करोड़ रुपया राजस्व मिलता है। उसमें क्षेत्र का भी अधिकार है। इस पर उन्होंने मांग किया कि गांव के विकास के लिए डीएमएटी फंड से राशि उपलब्ध कराई जाए। अंचलों में 80% विद्यालय मर्ज करने की घोषणा पर कहा कि इससे गांव के बच्चों को दूसरे स्कूलों में दूर जाकर पढ़ना होगा। इससे उसकी सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाएगी। सरकार के बयानों के खिलाफ मुखिया संघ ने हस्ताक्षर अभियान चलाकर आंदोलन करने का निर्णय लिया। हस्ताक्षर युक्त पत्र मुख्यमंत्री के अलावा ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री को सौंपा जाएगा तथा इसके माध्यम से गांव के विकास के लिए ध्यान आकर्षण किया जाएगा। प्रेस वार्ता में मुखिया संघ अध्यक्ष मोबिन अंसारी,जिप उपाध्यक्ष हसीना खातून के प्रतिनिधि मन्नू आलम, नरेंद्र कुमार, राजकुमार के अलावा कई मुखिया और पंचायत समिति सदस्य शामिल थे।
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