धनबाद : मीडिया कमजोर होगा तो हमारा लोकतंत्र भी कमजोर होगा। मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और इसे अपना विश्वास कायम रखना चाहिए। उक्त बातें उपायुक्त ने आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर जिला जनसंपर्क कार्यालया द्वारा समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित कार्यशाला में कहीं। कार्यशाला का विषय डिजिटल युग में पत्रकारिता आधारनीति और चुनौतियां था। उपायुक्त ने कहा कि समाज को बेहतर बनाना मीडिया का काम है। सच्चाई को उजागर करना और सच लिखना मीडिया का उत्तरदायित्व है। आपसी प्रतिद्वंद्विता के कारण पत्रकारों को सच से भटकना नहीं चाहिए। पाठकों के बीच गलत संदेश जाने से पत्रकार का मान और सम्मान चोटिल होता है।
इस अवसर पर अपर समाहर्ता विधि व्यवस्था ने कहा कि जो भी लिखें उसकी विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह नहीं उठना चाहिए। पत्रकारों को समाचारों की जांच पड़ताल कर उसे प्रकाशित करना चाहिए। विश्वसनीयता स्थापित करने में बहुत समय लगता है। इसीलिए पत्रकारों को सतर्क रहना चाहिए तथा स्वस्थ वातावरण में अपनी पेशे को निभाना चाहिए। कार्यशाला में बिहार ऑब्जर्वर के संपादक गणेश मिश्रा ने कहा डिजिटल युग में भी लोगों को प्रिंट मीडिया पर विश्वास है। डिजिटल पत्रकारिता के युग में समाचार त्वरित फैलते हैं, लेकिन गलत समाचार के कारण अफवाहें भी जंगल की आग की तरह फैलती है और शांति भंग होती है। उन्होंने कहा कि देश की अखंडता को बरकरार रखने के लिए पत्रकारों को जिम्मेवारीपूर्वक समाचारों को प्रेषित करना चाहिए। साथियों ही सुझाव दिया कि इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल पर सरकार को शीघ्र अधिनियम बनाना चाहिए।
प्रभात खबर के वरीय संवाददाता संजीव झा ने कहा कि डिजिटल युग में लाभ और हानि दोनों है। डिजिटल मीडिया अफवाह फैलाने का बड़ा स्रोत है। इसके लिए एक नीति बननी चाहिए। जिससे इसका दुरुपयोग ना हो। प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सामने डिजिटल पत्रकारिता भी एक चुनौती है। लेकिन अभी भी लोगों को अखबार पर विश्वास है।
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