नारायणी साहित्य अकादमी, धनबाद शाखा की मासिक कवि गोष्ठी कल कोयलानगर के डायमंड क्लब में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। गोष्ठी में सम - सामयिक कविताओं के साथ - साथ ग़ज़लों और गीतों की भी गंगा बही। नारायणी साहित्य अकादमी की जिलाध्यक्ष डॉ. कविता विकास ने सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की। युवा कवि तुषार कश्यप ने हम बन गए शैतान और अनन्त महेन्द्र ने मुसीबत के बादल उमड़ने लगे हैं जैसी शानदार ग़ज़लों से गोष्ठी की आगाज़ की। कवयित्री सुमन मिश्रा ने मगही गीत की प्रस्तुति दी। हास्य व्यंग्य की कवयित्री मीतू सिन्हा ने तू रांची में रहता है या आगरे में कविता से खूब हँसाया। दोहों के लिए प्रसिद्ध दिनेश चन्द्र रविकर और स्नेह प्रभा जी ने अपने दोहों से सामाजिक व्यवस्था पर कड़ा प्रहार किया। ग़ज़लकार अजय मिश्रा धुनी ने बेशोकम में भी हुनर रखता हूँ और कविता विकास ने मुहब्बत की दुनिया चलो बसाएं जैसी ग़ज़लों से खूब वाहवाही बटोरी। मंजू शरण ने लाजवाब साथ मिल जाए तो बात बन जाए गीतिका सुनाई तो संगीता नाथ ने डराओ न हमे गम से जैसी शानदार ग़ज़ल सुना कर महफिल में चार चाँद लगा दी। कवि राजपाल यादव ने भाषायी बिक्रीऔर शालिनी खन्ना ने मान धन का बढ़ा तथा शालिनी झा ने मैं कौन हूँ जैसी आज के परिवेश की कविता सुना कर गोष्ठी में जान डाल दी। इस गोष्ठी का संचालन शंभु शरण मंडल ने किया। बीजेपी प्रवक्ता श्री मिल्टन पार्थसारथी, जी एम एस्टेट श्री विकास कुमार, श्रीमती मंडल, श्री जे. एस. शरण, श्री मयंक नाथ और साहित्य प्रेमी श्री मिथिलेश झा की गरिमामयी उपस्थिति रही।आयोजक श्री विकास कुमार ने गोष्ठी की सफलता पर सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
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