कुमारधुबी:-शहीदों के सरताज सिखों के पांचवें गुरु गुरु अर्जन देव जी का 412 वा शहीदी पर्व रविवार को कुमारधुबी एवम निरसा गुरुद्वारा में मनाया गया। इस अवसर पर सिख साध संगत द्वारा गुरुद्वारा प्रांगण, गुरु नानक मिसन स्कूल के समीप छबील का आयोजन किया। आते जाते सभी गाड़ियों को रोक - रोक कर उन्हें ठंडा शर्बत तथा प्रसाद का भोग दिया गया। कुमारधुबी गुरुद्वारे में किर्तन दरबार का आयोजन किया गया। पटना साहिब से आये ज्ञानी ज्ञान सिंह जी के हजुरी रागी जत्था ने अपने शब्द किर्तन से सभी श्रधालुओं को भावविभोर कर दिया। वहीं पश्चिम बंगाल के चिनाकुड़ी से आये कथा वाचक भाई नानक सिंह जी ने गुरु अर्जन देव जी की शहादत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज की नौजवान पीढ़ी अपने गुरुओं द्वारा किये गये बलिदानों को भूल कर मोबाईल और टीवी से जुड़ गई है। आज की नौजवान पीढ़ी प्रैक्टिकल को गई है। उन्होंने कहा कि कहा कि ऊंचाई पाना बड़ी बात नहीं है शिखर पे रहते हुए अपने बुनियाद से पकड़ बनाये रखना बड़ी बात है। शहीदी पर्व मनाने से पूर्व 40 दिनों तक रोजाना सुबह स्त्री सतसंग के सदस्यों द्वारा कुमारधुबी गुरुद्वारा में सुखमनी साहिब का पाठ किया गया। रविवार को कीर्तन दरबार की समाप्ति के उपरांत वहाँ उपस्थित सभी श्रधालुओं ने लंगर का प्रसाद ग्रहण किया। आयोजन को सफल बनाने में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी,गुरुद्वारा के ज्ञानी भाई रविन्दर सिंह जी, स्त्रीसत्संग के दलजीत कौर, राजरानी कौर , रानी कौर, सुखवीन्दर कौर, अजीत कौर, सतपाल कौर, गुरप्रीत कौर, कुलवन्त कौर, पिन्की कौर, हरजीत कौर, बीर खालसा दल के सभी सदस्यों तथा सभी सिख साध संगत का अहम योगदान रहा।
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