समय न्यूज़ 24 उत्तरप्रदेश प्रयागराज न्यूज़:- संगम तट पर श्रद्धालुओं का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है। महाकुंभ के पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर देशभर से आए श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। आधी रात से ही श्रद्धालु और कल्पवासी संगम तट पर जुटने लगे थे। हर-हर गंगे और जय श्रीराम के गगनभेदी जयकारों से पूरा मेला क्षेत्र गूंज उठा। मेला क्षेत्र की सुरक्षा चाक-चौबंद है। आज से ही पैंतालीस दिवस का कल्पवास शुरू हो जाएगा। पहला शाही स्नान मकर संक्रांति पर मंगलवार को होगा।पौष पूर्णिमा पर बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं तड़के से ही संगम स्नान के लिए पहुंचने लगे। संगम नोज, एरावत घाट और वीआईपी घाट समेत समस्त घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालु स्नान करते नजर आए। युवाओं ने इस पावन क्षण को कैमरे में कैद किया और सोशल मीडिया पर साझा किया।
इस बार युवाओं में सनातन संस्कृति और आध्यात्मिकता के प्रति खासा उत्साह देखने को मिला। संगम स्नान और दान-पुण्य में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम तट पर पूजा-अर्चना और दान कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मेला क्षेत्र में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं। इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से चप्पे-चप्पे की निगरानी की जा रही है। डीआईजी और एसएसपी खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं। भीड़ प्रबंधन के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। आधी रात और सुबह तड़के से ही पुलिस बल पूरी तरह मुस्तैद नजर आया।
पहले स्नान पर्व के दौरान इंद्रदेव ने भी अपनी कृपा बरसाई। एक दिन पहले हुई हल्की बारिश के बाद ठंडी हवा के बीच श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान का आनंद लिया। संगम क्षेत्र में आस्था का ऐसा अद्भुत संगम देखने को मिला, जिसने सनातन संस्कृति और आस्था के प्रति गौरव की अनुभूति कराई।
पौष पूर्णिमा पर महाकुंभ 2025 का भव्य शुभारंभ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी शुभकामनाएं
विश्व के सबसे विशाल, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक समागम 'महाकुंभ 2025' का सोमवार तीर्थराज प्रयागराज में शुभारंभ हो गया। इस पवित्र अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समस्त श्रद्धालुओं, संतों, महात्माओं, कल्पवासियों और आगंतुकों का स्वागत करते हुए महाकुंभ के प्रथम स्नान की शुभकामनाएं दीं। अपने संदेश में सीएम योगी ने कहा, "आइए, महाकुंभ 2025 में सहभागी बनकर सनातन संस्कृति की इस गौरवशाली परंपरा का हिस्सा बनें। मां गंगा की कृपा से आपका जीवन सुख, शांति और समृद्धि से परिपूर्ण हो।"
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