समय न्यूज़ 24 डेस्क
सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा की अध्यक्षता में आज सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में मीजल्स रूबेला (एमआर) अभियान सहित जिले में स्वास्थ्य विभाग की संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई।
इस अवसर पर सिविल सर्जन ने कहा यह अभियान अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह में शुरू होगा और लगभग पांच सप्ताह तक चलेगा। इसमें 9 महीने से लेकर 15 साल तक के जिले के लगभग आठ लाख से अधिक बच्चों का एमआर टीकाकरण निर्धारित है।
उन्होंने बताया कि अभियान के लिए झरिया, निरसा एवं धनबाद सदर से 59 सरकारी तथा जिले के 278 प्राइवेट विद्यालयों से फॉर्म प्राप्त नहीं हुए है।
बैठक के दौरान एमआर अभियान के लिए एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन (एईएफआइ) की कार्यशाला भी आयोजित की गई।
बैठक में सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन डॉ अमित कुमार ने कहा कि अभियान के अंतर्गत 9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को यह टीका लगाया जाएगा। अगर बच्चे ने पहले भी टीका लिया है तो भी उसे टीका दिया जाएगा। कहा खसरा रोग के सफाई तथा रूबेला को नियंत्रित करने के लिए बच्चों को यह टीका दिया जाना अत्यंत आवश्यक है।
साथ ही बताया कि खसरा एक जानलेवा रोग है। यह वायरस द्वारा फैलता है। इसके कारण बच्चों में दिव्यांगता तथा असमय मृत्यु हो सकती है। वहीं रूबैला भी एक संक्रामक रोग है। यह भी वायरस द्वारा फैलता है। इसके लक्षण खसरा रोग जैसे होते हैं। यह लड़के या लड़की दोनों को संक्रमित कर सकता है। यदि कोई महिला गर्भावस्था के शुरुआती चरण में इससे संक्रमित हो जाए तो कंजेनिटल रूबैला सिंड्रोम (सीआरएस) हो सकता है जो उसके भ्रूण तथा नवजात शिशु के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।
उन्होंने कहा खसरा रूबैला का टीका पूर्ण रूप से सुरक्षित है। इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है। बच्चों को यह टीका एक प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी द्वारा लगाया जाएगा।
बैठक में डीआरसीएचओ डॉ संजीव कुमार, ड्रग इंस्पेक्टर, सभी एमओआईसी सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य पदाधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।
|