समय न्यूज़ 24 डेस्क
धनबाद: जिला में कोरोना पांव पसार रहा है और मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. लेकिन कोविड-19 केयर सेंटर्स में इलाज के लिए डॉक्टर्स की कमी हो गई है. इसको लेकर जिला उपायुक्त सह जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार अध्यक्ष उमा शंकर सिंह ने कोविड-19 संक्रमितों के इलाज में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने की कवायद शुरू कर दी है. शुक्रवार को उपायुक्त ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, धनबाद को अपने स्तर से समीक्षा करते हुए निजी चिकित्सकों की सूची अविलंब देने का निर्देश दिया है.
धनबाद उपायुक्त उमा शंकर सिंह उपायुक्त उमा शंकर सिंह ने कहा कि कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए विशेषज्ञ श्रेणी के चिकित्सकों की जरूरत पड़ती है. आवश्यकता पड़ने पर ही सूचीबद्ध चिकित्सकों को कोविड-19 कार्य में लगाया जाएगा. इसके लिए सेवा प्रदान करने वाले चिकित्सकों को भारत सरकार और राज्य सरकार की ओर से गाइड लाइंस के तहत पारिश्रमिक भी दिए जाएंगे. उपायुक्त ने कहा कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार जिले में उपलब्ध सभी सरकारी, अर्द्ध-सरकारी, निजी संस्थानों और वहां उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम संग्रहण करते हुए वैश्विक महामारी से लड़ने की तैयारी की है. जिसके तहत अशर्फी हॉस्पिटल लिमिटेड, एशियन द्वारकादास बर्न सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, प्रगति मेडिकल एंड रिसर्च सेंटर को कोरोना संक्रमित व्यक्ति के डायलिसिस के लिए दो-दो बेड आरक्षित करने का आदेश निर्गत किया गया था.
टाटा, बीसीसीएल जैसे संस्थान भी जिला प्रशासन को आवश्यक सहयोग प्रदान कर रहे हैं, लेकिन धनबाद जिला में कोविड-19 संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए यह बहुत जरूरी है कि आने वाली सभी चुनौती से लड़ने के लिए उपलब्ध सभी सरकारी, अर्द्ध-सरकारी, निजी संस्थानों में उपलब्ध मानव संसाधनों को संग्रहित कर आवश्यक तैयारी की जाए. इसी उद्देश्य से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से निजी चिकित्सकों की स्वैच्छिक सेवा का अनुरोध किया गया था.
उपायुक्त ने कहा कि पूरे विश्व में कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए सभी सरकारी, अर्द्ध-सरकारी, निजी संस्थानों के विशेषज्ञ एक साथ मिलकर कुशल समन्वय के साथ इस महामारी से निपटने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भी हमेशा से ऐसी चुनौतीपूर्ण स्थिति में सरकार और प्रशासन को जरूरत पड़ने पर अपनी सेवाएं उपलब्ध कराते हैं. इसकी सभी लोग सराहना भी कर रहे हैं. हमारे देश के अंदर और अन्य राज्यों में भी निजी चिकित्सकों की ओर से इस महामारी में स्वैच्छिक सेवा दी जा रही है. उपायुक्त उमा शंकर सिंह ने कहा कि उपरोक्त सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार, धनबाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से अविलंब सभी निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने और सहयोग की अपेक्षा रखता है.
बता दें कि 22 जुलाई को कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों की देखभाल में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए उपायुक्त ने 20 निजी डॉक्टर, जो इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, धनबाद के अंतर्गत पंजीकृत है, को 24 घंटे के अंदर सिविल सर्जन कार्यालय में योगदान देना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था. इस पर आईएमए ने बताया था कि कुछ चिकित्सक धनबाद में निवास नहीं करते हैं, कुछ शारीरिक रूप से अक्षम हैं और कुछ डॉक्टर्स की उम्र काफी ज्यादा है.
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