समय न्यूज़ 24 डेस्क
आज दिनांक-19/7/2020 को मार्क्सवादी युवा मोर्चा और मार्क्सवादी छात्र फेडरेशन ने मिल कर बलियापुर बिनोद बिहारी महतो कॉलेज के समीप लॉक डाउन का पालन करते हुए सावधानी से दूरी रखते हुए विरोध जताया। जब "मौलिक अधिकार की आत्मा है संविधान और भारत की आत्मा है नागरिक ।"
जिस पर सर्जिकल स्ट्राइक कर रही ही भाजपा सरकार शिक्षा के पाठ्यक्रम से मौलिक अधिकार को निकाल कर नौनिहालों का भविष्य अंधकार मय बनाना चाहती है ।
एक तरफ देश कोरोना जैसी महामारी से उलझा हुआ है,वही दूसरी ओर केन्द्रीय सरकार कोरोना के पीछे से शिक्षा पर निरंकुशवादी प्रहार कर हमारे नौनिहालों को मौलिक अधिकारों की जानकारी से वंचित कर देश के रीड़ की हड्डी को कमजोर कर अपना अधिपत्य जमाना चाहता है ।
भारतीय संविधान के निम्न अध्याय को बोझ के नाम पर शिक्षा से अलग करने का प्रयास है जो निम्न है:-
१ संघीय व्यवस्था
२ नागरिकता
३ राष्ट्रीयता
४ धर्मनिरपेक्षता
जो देश के नौनिहालो को जानना जरूरी है,जिससे अपना अधिकार को समझ सके और छिननेबाला को कड़ा जबाव दे ।
युवा नेता विक्की पंडित ने कहे कि"भाजपा सरकार की शिक्षा नीतियों मे बदलाव कर नौनिहालों को मौलिक अधिकारों की जानकारी से वंचित करना दुर्भाग्य की बात है "।
वरिय साथी सुरेश प्रसाद ने कहाँ कि " कोरोना के आतंक के पीछे शिक्षा पर प्रहार कर नौनिहालों को मौलिक अधिकार की जानकारी नही देना राजतंञ की ओर एक कदम है,जो सफल नही होगा ।"
मार्क्सवादी छात्र फेडरेशन के संजित महतो ने कड़ी प्रतिक्रिया के साथ मानव संसाधन मंञालय ,भारत सरकार को प्रदर्शन के माध्यम से बताना चाहते हैं कि पाठ्यक्रम से हटाये गये कड़ी को जोड़कर नौनिहालों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करें इस विरोध मे मुख्य रूप से सुरेश प्रसाद,विक्की पंडित, संजित महतो,अरबिंद महतो,बिट्टू महतो,कमलेश पासवान,अमित मंडल,अरबिंद महतो,राजू स्वर्णकार, अजय महतो बिकाश महतो इत्यादि छात्र मौजूद थे।
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