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समय न्यूज़ 24 डेस्क
भाजपा सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड को लूटकर खोखला कर दिया है. माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अब झारखंड के खनिज संपदा पर नजर है. कोल सेक्टर, रेलवे, एयरपोर्ट को निजी कंपनियों के हाथों बेचा जा रहा है. भाजपा गठबंधन के लोग कुर्सी बचाने के लिए लोक सभा हो या राज्य की चुनाव हो, कुर्सी बचाने के लिए पानी की तरह से पैसा बहाते है. वह पैसा कहा से आयेगा, इसके लिए मोदी सरकार देश सरकारी संस्थानों को अडानी, अंबानी जैसे बड़े कॉपरेट घरानों के हाथों एक-एक कर बेचते जा रहे है. जिससे देश के लिए गहरा चिंता का विषय है. जब कोल सेक्टर बेचा गया, तो इसके खिलाफ राज्य के युवा मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन माननीय न्यायालय का सहारा लिये. मुख्यमंत्री हेमंत सरकार की इस सुझबुझ को भाजपाई नहीं पचा सके और अनाप-शनाप बयानबाजीकर मुद्दे को भटकाने में लग गये. भाजपा सरकार की कुनजर अब झारखंड के खनिज संपदा, जल, जमीन, जंगल पर नजर है. जिसे किसी कीमत पर नहीं बेचने दिया जायेगा. जब झारंखड मुक्ति मोर्चा (यूपीए) गठबंधन की सरकार बनी, तो राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने का राजकीय कोष खाली मिला. भाजपा की रघुवर सरकार ने कोष को खाली कर दिया. सरकार को परेशान करने के लिए डीवीसी से बिजली कटवा दिये. झारखंड में यूपीए सरकार का गठन होते ही कोरोना आपदा आ गया है. केंद्र सरकार ने कोई सहायता नहीं किया. फिर भी माननीय मुख्यमंत्री हेमंतसोरेन अपने प्रवासी मजदूरों को ट्रेन, बस, हवाई जहाज से झारखंड वापस बुलाये. उनका देखभाल किया. सरकार की इच्छा शक्ति को देख भाजपा गठबंधन के सरकार गंदी राजनीति कर रहे है. किसी मुद्दे पर सत्ता पक्ष को घेरने के लिए सोशल मीडिया, फेसबुक, ट्वीटर, अखबार मीडिया का सहारा ले रही है. राज्य उत्थान में राज्य की जनता का भरपूर सहयोग मिल रहा है. लेकिन राज्य की एनडीएन गठबंधन सिर्फ राजनीति करने में लगी है, राज्य विकास में बाधक बन रहा है. हम चाहेंगे कि विपक्ष स्वच्छ राजनीति करे और राज्य की विकास में अपनी सहभागीता निभाये.
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