समय न्यूज़ 24 डेस्क
धनबाद । एमबीबीएस की फर्जी डिग्री के सहारे नर्सिंग होम चलाकर इलाज करने वाले झोलाछाप डॉक्टर को धनबाद की अदालत ने कड़ी सजा सुनाई है। धनबाद के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी स्वाति विजय उपाध्याय की अदालत ने मोबाइल एप के जरिए इस मामले में फैसला सुनाते हुए आरोपित राजगंज निवासी डॉ. नीरज रमण को चार धाराओं में तीन-तीन वर्ष की कैद एवं 61 हजार 500 रुपये जुर्माना से दंडित किया। न्यायाधीश स्वाति विजय उपाध्याय ने 40 पन्नों में जजमेंट लिखा। न्यायाधीश ने आरोपित के कृत्य पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्होंने व्हाइट कॉलर क्राइम किया है। इनके आचरण से कितने लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया होगा।
सिविल सर्जन को यह सूचना मिली थी कि जिले में कई झोलाछाप डॉक्टर फर्जी डिग्री के सहारे नर्सिंग होम चला रहे हैं। वे खुद को एमबीबीएस डॉक्टर लिखते हैं। इस सूचना पर सिविल सर्जन ने एसडीएम अनन्य मित्तल से कार्रवाई का आग्रह किया था। एसडीएम के नेतृत्व में छापामारी दल ने 3 मई, 2018 को राजगंज स्थित श्री साईं बाबा हॉस्पिटल में छापा मारा था। वहां पांच मरीज पाए गए थे जिनमें गर्भवती महिलाएं भी थी। तीन मरीजों को टीम ने पीएमसीएच में भर्ती करा दिया था। चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मनीष की शिकायत पर इसकी प्राथमिकी राजगंज थाने में दर्ज की गई थी।
जांच में फर्जी मिली डिग्री
आरोपित नीरज ने छापामारी दल को अपने एमबीबीएस डिग्री के कागजात सौंपे थे। जांच के दौरान यह पता चला कि डिग्री फर्जी है। पुलिस ने 28 जून 2018 को आरोप पत्र समर्पित किया था। 21 दिसंबर 2018 को आरोप तय होने के बाद सुनवाई शुरू हुई थी। दो वर्ष तक चली सुनवाई के दौरान अदालत ने बुधवार को अपना फैसला सुना दिया।
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