वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण काल में लॉकडाउन की अवधि में हर कोई सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा है. उनके निर्देशों का अनुपालन करने में जुटे हैं, लेकिन समाज और देश का भविष्य संवारकर उन्हें शिक्षित सुयोग्य बनाने वाले ही अपनी जिम्मेदारी से भाग रहें हैं.हम बात कर रहें हैं ऐसे शिक्षकों की जिनकी प्रतिनियुक्ति पीडीएस दुकानों पर की गई थी. जिले में कई ऐसे शिक्षक हैं. जिनकी प्रतिनियुक्ति पीडीएस दुकानों पर की गई, लेकिन वह अपनी जिम्मेदारी निभाने से पीछे हट रहे हैं. इन शिक्षकों पर विभाग ने कड़ा रुख अख्तियार किया है.
पीडीएस दुकानों में प्रतिनियुक्त किए गए ऐसे 144 शिक्षकों पर लगभग कार्रवाई तय है. जिला शिक्षा अधीक्षक इंद्रभूषण ने इन शिक्षकों को शोकॉज नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही इन शिक्षकों के वेतन भी तत्काल स्थगित कर दिया गया है. जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने 144 शिक्षकों की विभिन्न पीडीएस दुकानों में प्रतिनियुक्ति की सूची जिला शिक्षा अधीक्षक को सौंपी थी. इनसे फीडबैक लेने के दौरान शिक्षकों को कोई जानकारी न होने, मोबाइल स्विच ऑफ मिलने, मोबाइल नंबर गलत होने, कॉल रिसीव नहीं करने या फिर किसी अन्य कारणों से पीडीएस दुकानों पर उपस्थित नहीं रहने की शिकायत मिली है.
गौरतलब है कि जिले के विभिन्न पीडीएस दुकानों पर करीब 1600 शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई है. कोरोना से लड़ाई में इन्हें प्रतिनियुक्त किया गया था. अति महत्वपूर्ण कार्य में सहयोग न करना एक शिक्षक के आचरण के प्रतिकूल है. इसलिए महामारी के संक्रमण काल मे सहयोग न करने के आरोप में कार्रवाई की जाएगी. सभी शिक्षकों को अपने स्पष्टीकरण साक्ष्य के साथ जमा कराने के लिए नोटिस जारी किया गया है. तत्काल स्पष्टीकरण की तिथि से इस पर अंतिम निर्णय होने तक एवं प्रतिनियुक्ति तिथि से पत्र निर्गत होने तक ऐसे सभी शिक्षकों का वेतन स्थगित कर दिया गया है. बता दें कि पीडीएस दुकानों में लाभुकों को सही समय पर उचित मात्रा में राशन उपलब्ध कराने की निगरानी के लिए जिले में करीब 1,600 शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई थी.
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