कतरास :-कोरोना संक्रमण ने पुरे देश को संकट मे डाल दिया है. इस बीमारी का असर एैसा छाया है की कोई भी शुभ काम लोग धुमधाम से मनाने से भी परहेज कर रहे है. एैसा ही एक मामला सोमवार को जोगता थाना क्षेत्र के मोदीडीह 7 नम्बर मे देखने को मिला. जहॉ ना मंडप सजाई गयी और ना ही मंगल गीत हुआ. दुल्हा दुल्हन सादगी के साथ ही एक दुसरे को अपना जीवन साथी बना लिया . हलाकि हर पिता को अपने बच्चों की शादी धूमधाम से करने की इच्छा होती है, मगर विधि का विधान देखिए . कोरोना वायरस के साये के चलते कोई रिश्तेदार घर नहीं आ-जा सकता . इस कारण मात्र पॉच लडकी पक्ष से और पॉच लडका पक्ष के उपस्थिति मे बिवाह की सभी रश्मो रश्म निभाया गया. जिसकी चर्चा पुरे क्षेत्र मे आम हो गयी है. सादगी और सोशल डिस्टेन्स भरी इस शादी की हर कोई दिल से तारीफ़ कर रहा है. जानकारी के अनुसार गिरीडीह जिला निवासी शंकर तुरी की पुत्री निशा कुमारी का बिवाह जोगता थाना क्षेत्र निवासी महेन्द्र तुरी के पुत्र मनोहर तुरी के साथ तय हुआ था. इसी दौरान देश मे लॉक डाउन लगा गया जिससे यह बिवाह टल गया. लॉक डाऊन की तिथि लगातार बढती ही चली जा रही थी. अंतता दोनो पक्ष के लोगो ने लॉक डाउन मे ही शादी करने का निर्णय लिया. जिसमे यह तय हुआ की लडकी पक्ष मात्र पॉच लोगो के साथ जोगता आ जाये .लडका पक्ष से भी यहॉ पॉच लोग ही मौजुद रहेगे. वादे के अनुसार लडकी पक्ष दुल्हन के साथ चार लोगो को अपने साथ लेकर जोगता पहुँचा. जहॉ साधारण रूप से बनाऐ गये एक मंडप मे वरवधु ने हिन्दु रिति रिवाज का पालन करते हुऐ सभी रश्मो को पुरा किया. आचार्य पंकज पंडित ने मंत्रोचारण के साथ बिवाह को संपन्न कराया. मौके पर दुल्हे के फुफा युगल तुरी ने बताया की लॉक डाउन खत्म होने का नाम नही ले रहा था. शादी को और आगे तक टालना उचित नही लग रहा था. इसलिए आपसी समझौते के साथ हमलोगो ने शादी कराने का निर्णय लिया था. हलाकि बेटे की शादी मे शहनाई और अतिशबाजी नही होने का थोडी सी दुख भी है. वही दुल्हन के पिता शंकर तुरी ने बताया की यह बिवाह वैगर तिलक दहेज के तय हुई थी. पुत्री के बिवाह से काफी खुश हुँ बस थोडी सी इस बात का दुख है की कोरोना के वजह से नाते रिस्तेदार को इस मंगल कार्य मे अंमत्रित नही कर पाया हुँ.