धनबाद के गोविंदपुर थाना क्षेत्र के माडा मैदान में सब्जी मार्केट लगाने का समय 2 बजे तक निर्धारित किया गया है, लेकिन पुलिस की ओर से उन्हें सिर्फ 2 से 3 घंटे ही सब्जी बेचने के लिए मिलता है. सब्जी खरीदने वाले लोगों की संख्या भी काफी कम है. ऐसे में उनकी हालत दयनीय हो रही है.
धनबाद: कोरोना वायरस के कहर के बाद पूरे देश की पुलिस कोरोना वॉरियर्स के तौर पर नजर आ रही है. पुलिस वालों ने लोगों की मदद के लिए बढ़-चढ़कर हाथ बढ़ाया, लेकिन जिले की गोविंदपुर पुलिस पर सब्जी वालों ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
सब्जी विक्रेताओं की हालत दयनीय
धनबाद के गोविंदपुर थाना क्षेत्र के माडा मैदान में सब्जी मार्केट लगाने का स्थान निर्धारित किया गया है. जिला प्रशासन की तरफ से मार्केट लगाने का समय 2 बजे तक निर्धारित है, लेकिन माडा मैदान में 11 बजे से ही पुलिस सब्जी वालों को हटाने लगती है और माडा मैदान के मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया जाता है. मात्र 2 से 3 घंटे ही सब्जी बेचने के लिए मिलता है. सब्जी खरीदने वाले लोगों की संख्या भी काफी कम है. ऐसे में उनकी हालत दयनीय है. इन लोगों ने 2 बजे तक दुकान खुलवाने की बात कही है. महाजन को देना पड़ता है पैसा लॉकडाउन की इस स्थिति में बहुत सारे दुकान बंद पड़े हैं, जो लोग चाय की दुकान या सत्तू की दुकान चलाते थे, वो अब फल और सब्जी बेचने लगे हैं. लोगों का कहना है कि फल और सब्जी में छूट है, इस कारण वो अपना दूसरा व्यवसाय छोड़ कर फल-सब्जी बेचने लगे हैं. जिससे घर परिवार की रोजी-रोटी चल रही है, लेकिन उसके बावजूद अगर पुलिस प्रशासन निर्धारित समय तक सब्जी और फल बेचने नहीं देगा तो ऐसे में उनलोगों की हालत और भी खराब हो जाएगी. क्योंकि उन्हें महाजन को पैसा देना पड़ता है.कोर्ट कचहरी का खर्च सब्जी दुकान में घूम-घूम कर सब्जी वाले को चाय पिलाना भी एक चाय वाले को महंगा पड़ गया. चाय बेचने वाले ने पत्रकार के टीम को बताया कि वह सब्जी बेचने वाले दुकानदारों को घूम-घूम कर चाय पिला रहा था तो पुलिस ने उस पर भी केस दर्ज कर दिया. उसने कहा कि सब्जी वाले दुकानदार दो-तीन घंटे तक दुकानदारी करते हैं. ऐसे में उन्हें अकेले में जाकर चाय पिलाना क्या गुनाह था. उन्होंने कहा कि इससे उसे भी दो पैसे की आमदनी हो जाती थी. उसका कहना है कि वह कोई भीड़भाड़ भी नहीं करता था, लेकिन पुलिस ने उस पर केस कर दिया. अब वह काफी परेशान है कि इस लॉकडाउन में चाय भी बेचना बंद है वह कोर्ट कचहरी का खर्च कहां से उठाएगा.समय से पहले मार्केट हो जाता है बंद
दुकानदारों का कहना है कि पुलिस वाले मार्केट इसलिए जल्दी बंद करवा देते हैं, ताकि वह भी जल्दी से फ्री होकर आराम कर सकें. लोगों ने कहा कि जब जिला प्रशासन की ओर से 2 बजे तक समय निर्धारित है तो समय से पहले मार्केट को बंद कराया जाना ठीक नहीं है. वैसे तो पुलिस इस कोरोना कहर में लोगों की मदद करती दिख रही है, लेकिन गोविंदपुर पुलिस के इस तरह के रवैये से लोग काफी परेशान है, हालांकि पुलिस ने इन सभी आरोपों को सही नहीं ठहराया है.
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