संध्या 7:00 बजे से प्रातः 7:00 बजे तक 144 दं.प्र.सं. के तहत निषेधाज्ञा लागू
कोविड-19 से बचाव, रोकथाम एवं इसके संभावित प्रसार को रोकने के लिए अनुमंडल दंडाधिकारी श्री राज महेश्वरम ने तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक संध्या 7:00 बजे से प्रातः 7:00 बजे तक 144 दं.प्र.सं. के तहत निषेधाज्ञा लागू की है। आवश्यक सेवा प्रदान करने वाले कार्यालय और प्रतिष्ठान इस प्रतिबंध से बाहर रहेंगे। इस अवधि में सभी नागरिक अपने घर में ही रहेंगे। बुनियादी आवश्यकता की पूर्ति के क्रम में बाहर जाने पर सामाजिक दूरी के दिशा निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन करेंगे।
लॉकडाउन की निर्धारित समयावधि तक संध्या 7:00 बजे से प्रातः 7:00 बजे तक किसी भी परिस्थिति में, चिकित्सा कार्य को छोड़कर, कोई भी व्यक्ति बाहर नहीं निकलेंगे। यदि कोई व्यक्ति इसका उल्लंघन करेंगे तो उस पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 तक एवं भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत भारतीय दंड संहिता की महामारी से संबंधित सुसंगत धाराओं के अंतर्गत कार्यवाही को आकृष्ट करेगी एवं धारा 144 के उल्लंघन के तहत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
अनुमंडल दंडाधिकारी ने कहा कि इस अवधि में पांच या पांच से अधिक व्यक्ति एक स्थान पर एकत्रित नहीं हो सकेंगे और ना ही नाजायज मजमा लगाएंगे। अनुमंडल क्षेत्रों में सभी प्रकार के कार्यक्रम जहां पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों की उपस्थिति होने की संभावना है तो वैसे कार्यक्रम का आयोजन की अनुमति नहीं होगी।
निषेधाज्ञा की अवधि में अंतरराज्य के वाहन के परिचालन एवं यात्रा करने वाले यात्रियों पर निगरानी रखते हुए सरकार के द्वारा निर्देशित जांच के पश्चात ही अपने गंतव्य तक जाने की अनुमति होगी।
उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति राज्य सरकार द्वारा दिए गए दिशा निर्देश का अनुपालन एवं आवश्यक वांछित सूचना ससमय उपलब्ध कराने में असहयोग करेंगे तो उन पर आईपीसी 1860 की धारा 270 के तहत एवं सीआरपीसी 1973 के तहत धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
यदि कोई कोविड-19 से पीड़ित या क्वॉरेंटाइन या आइसोलेशन वार्ड में भर्ती व्यक्ति बिना कोई सूचना दिए चिकित्सालय से भाग जाते हैं तो वैसे व्यक्ति पर भी जांच में अपेक्षित सहयोग नहीं करने या दिशानिर्देश का अवहेलना करने के आरोप में आईपीसी 1860 के धारा 270 के तहत एवं सीआरपीसी 1973 के तहत धारा 144 उल्लंघन के तहत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति तथा गर्भवती महिलाएं एवं 10 वर्ष के बच्चे किसी भी परिस्थिति में, चिकित्सा कार्य को छोड़कर, घर से बाहर नहीं निकलेंगे तथा लॉकडाउन में निर्धारित निर्देशों का अनुपालन करेंगे।
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