शनिवार की अहले सुबह किऊल-झाझा रेलखंड पर किऊल पूर्व केबिन के पास मौर्य एक्सप्रेस के साथ हुई रेल दुर्घटना में नक्सलियों का हाथ बताया जा रहा है। इसमें एक यात्री की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि दो गंभीर घायलों को पटना रेफर किया गया है। दानापुर से जांच टीम पहुंचने के पहले तक घटना कैसे हुई और कौन जिम्मेवार है, इस मामले में रेलवे के कोई भी स्थानीय अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं थे।
मामले की जांच के लिए दानापुर से टीम पहुंची थी। सूचना मिलते ही पटना से रवाना है डीआरएम रंजन प्रकाश ठाकुर सुबह आठ बजे किऊल पहुंचे। उन्होंने इसे नक्सली वारदात बताया। कहा कि 10-12की संख्या में नक्सली यहां पहुंचे थे और स्लीपर को खड़ा कर दिया होगा, जोकि आधा टुकड़ा ट्रेन में घुस गया और आधा पुलिया के नीचे छिटक गया। मौके पर रेल पुलिस के अलावे जिला पुलिस से कबैया थानाध्यक्ष और सीआरपीएफ जवान छानबीन कर रहे थे। सीआरपीएफ असिस्टेंट कमांडेंट अभिषेक ने भी नक्सली कमांडर अर्जुन कोड़ा के मूवमेंट की चर्चा कर रहे थे। कहा कि 12मीटर की रेललाइन कटी और ढाई मीटर व साढ़े चार मीटर का टुकड़ा मिला, बाकी 6मीटर गायब है।
नक्सली वारदात नहीं होने की स्थिति में यह रेलवे की लापरवाही गिनी जाती। कारण कि रेलवे ट्रैक के बगल में आखिर किस तरह से स्लीपर के टुकड़े रखे गए हैं कि ऐसी दुर्घटना हुई! खैर फिलहाल घटना की जांच चल रही है।
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