समाजसेवी रोहित ने कहा की इस आपदा की घड़ी में सेवा में लगे युवाओं को मैं नमन करता हूँ। यह समय महामारी से एक होकर लड़ने की है। यह महामारी जात पात, धर्म, अमीरी - गरीबी में भेद नहीं करती। इस संघर्ष में हमसब एक हैं। हम एक दूसरे से दूर रहें, पर दिलों को जोड़े रखें। घर में रहें - सुरक्षित रहें l
आज फिर एक बार टेलीफोन के माध्यम से ये जानकारी मिली कि भूली स्थित रेगुणी बस्ती धारजोडी पंचायत में वैसे लोग हैं जो अपनी खेती बाड़ी करके अपना जीवन यापन करते हैं,और कुछ लोग मजदुरी भी करते हैं|मगर कुछ दिन से स्थिति बहुत खराब है|एक बूढ़ी दादी मिली और वो पैर से लाचार थी बोली बेटा हमनी की करियो उन्होंने बहुत आशीर्वाद दिया और हमलोगों ने कहा कि दादी कल फिर आएंगे बोली बेटा भगवान बहुत खुश रखे ।मतलब गांव में ऐसे ऐसे लोग मिले की दिल को छू लिए, फिर हमलोगों ने वहाँ पूरी,सब्ज़ी का इंतज़ाम करवाया और पूरे गाँव मे लगभग 40 से 50 लोगो को खिलाया एक ओर लॉक डाउन की स्थिति वही दूसरी ओर एक प्रयास की कोई भी भूखे न रहे।ऐसे प्रत्येक दिन टीम द्वारा कही न कही खाने की सामग्री और खाद्य सामग्री का वितरण किया जा रहा है।मौके पर रोहित कुमार,प्रतीक कुमार आदि लोग मौजूद थे। लगभग प्रत्येक दिन ये कार्यक्रम हमारी टीम के द्वारा विभिन्न जगहों पर घूमकर गरीबो की सेवा में तत्पर रहेगी और कोई भी व्यक्ति भूखे न सोये इसके लिए पूरा प्रयास हमलोगों के द्वारा किया जा रहा है।
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