भगवान सूर्य की उपासना का महापर्व चैती छठ बुुधवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया। ब्रह्ममुहूर्त में उठकर व्रतियों ने भगवान भास्कर की विशेष पूजा के लिए ध्यान किया। नहाय-खाय को लेकर व्रती स्वर्णरेखा, खरकई, दोमुहानी, बड़ौदा घाट और बाबूडीह घाट में आस्था के साथ डुबकी लगाकर भगवान सूर्य की पूजा अर्चना में जुट गए। गुरुवार को खरना है। 23 मार्च को सायंकालीन अर्घ्य और 24 मार्च को प्रात:कालीन अर्घ्य है।
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