धनबाद। कहते हैं रिश्ते ऊपरवाले ही बनाकर भेजतें है। कुछ ऐसा ही देखने को मिला जब मंगलवार को धनबाद के रजिस्ट्रार ऑफिस में शादी करने के लिए एक युवक और युवती पहुंचे। जहां युवक बचपन से ही दिव्यांग है वहीं युवती की आंखें भी इंफेक्शन के कारण दोनों आंखों की रोशनी चली गई। मंगलवार को इन्होंने एक दूसरे के साथ कोर्ट मैरेज कर अपनी जिंदगी की नई शुरुआत की।
धनबाद के सरायढेला न्यू कॉलोनी निवासी रामनंदन गुप्ता के 30वर्षीय पुत्र सुरेंद्र गुप्ता एवं जामताड़ा की चंदा कुमारी के साथ कोर्ट मैरेज हुआ। सुरेंद्र गुप्ता बचपन से ही दिव्यांग हैं, जबकि चंदा इन्फेक्शन के कारण वर्ष 2009में अपनी आंखें खो दी। चंदा 12वीं पास है जबकि सुरेंद्र बीए की पढ़ाई पूरी कर पिछले चार सालों से दिल्ली के नोएडा में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। यह आश्चर्य की बात है कि आंखे नहीं होने के बाद भी सुरेंद्र एक कुशल सॉफ्टवेयर इंजीनियर की भूमिका में है।
सुरेंद्र ने बताया कि ऑडियो के माध्यम से हम कार्य करते हैं, सुरेंद्र की यह आत्मनिर्भरता उनके जैसे अन्य लोगों को भी प्रेरणा देती है। उन्होंने कहा कि वह बचपन से ही नेत्रहीन है| लेकिन नेत्रहीनता को कभी अपनी कमजोरी बन्ने नही दिया| किसी भी विकलांग को जिंदगी से हार नहीं मानना चाहिए। हौसले और हिम्मत के साथ आगे बढ़ें तो कामयाबी जरूर मिलेगी। वही चंदा बेहतर जीवन साथी मिल जाने के कारनकाफी खुश नज़र आई तो दुसरो और अपने बेटे के लिए बहु पाकर सुरेंद्र की मां बहुत ही खुश हैं ।
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