रांची:स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास के पहुंचते ही पारा शिक्षकों का प्रदर्शन बढ़ गया है. एक ओर जहां पारा शिक्षक लगातार सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं, और काला झंडा दिखा रहे हैं. वही पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए जमकर लाठियां बरसाई हैं. इस दौरान आंदोलनकारी शिक्षकों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया है. पारा शिक्षक भी आतिशबाजी कर रहे हैं. पारा शिक्षकों की तरफ से पत्थर भी पुलिस पर चलाया गया है. इस बीच पुलिस वालों ने पत्रकारों से भी बद्तमीजी की उनके साथ हाथापाई की गई है.
वही दूसरी तरफ पारा शिक्षकों को रोकने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग भी की है. लेकिन प्रदर्शनकारी भी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन पर डटे हैं. काफी समय से अपनी मांगों को लेकर समय-समय पर प्रदर्शन कर रहे पारा शिक्षक, अब आश्वासन नहीं कार्रवाई की मांग पर अड़े दिखे. स्थापना दिवस कार्यक्रम को लेकर एक ओर जहां रघुवर दास का भाषण चल रहा था, तो बाहर पारा शिक्षक हंगामा कर रहे है.
राजकीय कार्यक्रम को बाधा पहुंचाने की कोशिश करने आए कुल 216 पारा शिक्षकों को किया गया बर्खास्त- जिला प्रशासन
लगभग 600 लोगो पर चल रही बर्खास्तगी की कारवाई
आज झारखंड राज्य स्थापना दिवस के दिन पूरे राज्य भर से राजधानी रांची में आए पारा शिक्षकों ने सरकारी कार्यक्रम को बाधा पहुंचाने की कोशिश की ।साथ ही विधि व्यवस्था को अपने हाथ में लेकर पत्थरबाजी भी की।विधि व्यवस्था में लगे पुलिस प्रशासन के पदाधिकारियों, वरीय पुलिस अधीक्षक , सिटी पुलिस अधीक्षक एवम् ड्यूटी पर तैनात पदाधिकारियों पर पारा शिक्षकों ने हमला किया जिससे कई पदाधिकारी गंभीर रूप से जख्मी हुए। पारा शिक्षकों द्वारा सरकारी कार्यक्रम में व्यवधान डालने, विधि व्यवस्था को तोड़ने एवम् सरकारी लोगो पर हमला करने की घटना को बेहद अशोभनीय एवम् गंभीर रूप से लेते हुए वीडियो रिकॉर्डिंग एवम् कार्यक्रम स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरा से लिए फुटेज एवम् अन्य प्रमाणों के आधार पर 16 प्रखंड के कुल 216 पर शिक्षकों को बर्खास्त किया गया।
साथ ही लगभग 600 पारा शिक्षकों को जिला प्रशासन द्वारा बनाई गई खेलगांव एवम् रेड क्रॉस स्थाई जेल में गिरफ़्तार कर रखा गया है। जिन पर सीसीटीवी कैमरा एवम् वीडियो रिकॉर्डिंग से मिले प्रमाण के आधार पर बर्खास्त करने की कारवाई चल रही है। अन्य जिलों के जिलाधिकारियों को भी यहां शामिल पारा शिक्षकों की सूची भेजी जा रही है जिसके आधार पर चिन्हित कर अनुशासनात्मक कारवाई की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। स्थापना दिवस एक राजकीय दिवस है जी सम्पूर्ण राजवसियो के लिए सम्मान एवम् गौरव का दिन है ।
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