समय न्यूज़ 24 डेस्क :- रांची : झारखंड में बिना वजह के म्यूटेशन आवेदन रिजेक्ट करने वाले अंचलाधिकारी नप जाएंगे.भू राजस्व विभाग के मंत्री दीपक बिरुआ ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि अंचलों में केवल तकनीकी कारणों का हवाला देकर म्यूटेशन का आवेदन रिजेक्ट नहीं किया जा सकता.
यदि कोई अधिकारी ऐसा करते हैं तो उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.
मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि जब बात म्यूटेशन की हो तो उम्मीद है कि अधिकारी ईमानदारी से काम करेंगे. गौरतलब है कि अंचल कार्यालयों में म्यूटेशन के नाम पर करप्शन की कई शिकायतें सामने आती है.
तकनीकी कारणों का हवाला देना उचित नहीं!
मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि कई बार तकनीकी कारणों से झारभूमि साइट नहीं खुलने का हवाला देकर अंचलाधिकारी म्यूटेशन का आवेदन रिजेक्ट कर देते हैं. ऐसा नहीं चलेगा.उन्होंने कहा कि यदि कोई म्यूटेशन का आवेदन रद्द किया जाता है तो अंचलाधिकारी को 50 शब्दों में इसका स्पष्ट कारण भी बताना होगा.उन्होंने कहा कि मॉडर्न रिकॉर्ड रूम से खतियान निकालने पर सही छपाई नहीं होती है. खतियान फोटो कॉ़पी में नहीं दिखता. स्पष्ट स्कैनिंग नहीं होने से रैयतों को अपनी जमीन की सही जानकारी नहीं मिल पाती इससे परेशानी होती है.
खतियान को ट्रांसलेट करने की सुविधा भी मिलेगी
मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि मॉडर्न रिकॉर्ड रूम में कैथी और बांग्ला में लिखे खतियान को ट्रांसलेट करने की सुविधा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि म्यूटेशन की प्रक्रिया में आने वाली तमाम विसंगतियों को दूर किया जाना चाहिए. गौरतलब है कि झारखंड के तमाम अंचल कार्यालयों में म्यूटेशन के नाम पर करप्शन के मामले सामने आए हैं.म्यूटेशन कराने आए रैयतों से रिश्वत मांगी जाती है. हाल ही में पलामू के मोहम्मदगंज अंचल कार्यालय में उप राजस्व निरीक्षक मुकेश कुमार का एक महिला से 10,000 रुपये लेते हुए वीडियो वायरल हुआ था.इससे पहले रांची सदर अंचलाधिकारी मुंशीराम को गिरफ्तार किया गया था.
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