सुबह झारखंड के सभी अखबारों में स्थापना दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री रघुवर दास का एक लेख छपा था. जिसमें उन्होंने इस बात का जिक्र किया है कि झारखंड बालिग हो गया है. 18सालों से झारखंड हर साल स्थापना दिवस मनता देखता आया है. लेकिन इस बार जो हुआ वो हर बार से अलग था. ऐसा पहली बार हुआ कि कार्यक्रम स्थल से ज्यादा शोर कार्यक्रम स्थल के बाहर हो रहा था. रघुवर दास हाय-हाय और रघुवर दास छत्तीसगढ़ वापस जाओ जैसे नारे लग रहे थे. कार्यक्रम के दौरान ही पुलिस-प्रशासन को गोली चलानी पड़ी. कुछ ऐसी बेशर्मी भी करने की कोशिश की गयी, जिसे कैमरे में कैद होने से पुलिस-प्रशासन को परहेज था. लिहाजा पत्रकारों पर भी लाठियां चलीं. हर ओर काले झंडे हवा में लहरा रहे थे. पुलिस पारा शिक्षकों की भीड़ को खदेड़ने के लिए कभी मोरहाबादी मैदान के बांए तो कभी दांए भागती दिखी. जिले के आला अधिकारियों को इस बात का ज्यादा ध्यान रखना पड़ रहा था कि कहीं कोई उनकी तस्वीर न खींच ले. गलती से किसी ने फोटो खींच भी लिया तो उसे डिलीट करा दिया गया. इन सभी बातों से ये साबित होता है कि सच में झारखंड बालिग और साथ में उदंड हो गया है.
सरकार का सारा तंत्र हुआ फेल, पारा शिक्षकों ने नाकों चने चबवाया
पारा शिक्षकों की मुख्य सचिव से वार्ता विफल होने के बाद ही पारा शिक्षकों ने स्थापना दिवस के दिन विरोध करने की घोषणा की थी. जवाब में सरकार ने यह साबित करने की कोशिश की कि पारा शिक्षकों को जिले से बाहर ही रोक लिया गया है. सुबह एक पारा शिक्षक ने फोन पर जानकारी दी कि उनके साथी बीजेपी के पास पर ही कार्यक्रम स्थल में एंट्री लेंगे. और ऐसा हुआ भी. सीएम के मोरहाबादी मैदान पहुंचते ही पारा शिक्षकों ने हंगामा शुरू कर दिया. हंगामा बढ़ता देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. कुछ देर के लिए भीड़ तितर-बितर तो हुई. लेकिन दोबारा पारा शिक्षक इकट्ठा हुए और हंगामा शुरू हुआ. एसडीएम गरिमा सिंह और एसएसपी अनीश गुप्ता के आदेश के बाद कुछ पारा शिक्षकों को जबरन बस में ठूंसने का काम शुरू हुआ. लेकिन वो कामयाब नहीं हुए. इतना हो ही रहा था कि कार्यक्रम स्थल से काफी शोर होने लगा. हवा में कुर्सियां उड़ती नजर आने लगीं. सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गयी. सीएम को निशाना बनाते हुए नारेबाजी की गयी. इसमें काफी संख्या में महिला पारा शिक्षक भी शामिल थीं. हालांकि दस मिनट के बाद सभी को कार्यक्रम स्थल से बाहर निकाल दिया गया. इससे यह साबित हुआ कि पारा शिक्षक पास लेकर अंदर जाने में कामयाब हुए थे.
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