देश में दवाइयों की हो रही ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ मेडिकल स्टोर्स मालिकों ने शुक्रवार को बंद का ऐलान किया है. इसीलिए आज हम आपको उन मेडिकल स्टोर्स और उन जगहों के बारे में बता रहे है जहां से इस हड़ताल में भी दवाएं खरीदी जा सकती है. देश में दवाइयों की हो रही ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ मेडिकल स्टोर्स मालिकों ने शुक्रवार को बंद का ऐलान किया है. लेकिन आपको कोई दवा खरीदनी है तो ये जानना जरूरी है कि आखिर कौन सी दुकानें हैं जो खुली है. इन दुकानों पर हड़ताल के बावजूद दवाएं मिल सकती हैं. हम आपको उन मेडिकल स्टोर्स और उन जगहों के बारे में बता रहे है जहां से इस हड़ताल में भी दवाएं खरीदी जा सकती है. इन जगहों से खरीद सकते हैं अपनी जरूरत की दवाई-हड़ताल के मद्देनज़र केमिस्ट एसोसिएशन ने भरोसा दिलाया है कि अस्पतालों की फार्मेसी को लेकर उनकी कोई लड़ाई नहीं है. (1) दवा विक्रेताओं की हड़ताल के बावजूद सरकारी अस्पतालों में फार्मेसी खुली रहेंगी. (2) इसके अलावा प्राइवेट अस्पतालों की भी अपनी फार्मेसी होती है, वहां जाकर दवा ले सकते हैं. (3) जन औषधि केंद्र से भी दवाई खरीदी जा सकती है. (4) देश के ज्यादातर हिस्सों ऑनलाइन मेडिसिन डिलीवरी की सुविधा मौजूद है. इसके विरोध में केमिस्ट हड़ताल पर हैं. क्यों बंद है दुकानें- दवाइयों की ऑनलाइन बिक्री और प्रस्तावित ई-फार्मेसी कानून के खिलाफ देश के 8.5लाख दवा दुकानदार आज शटर बंद रखेंगे. दवा दुकानदार ई-कंपनियों के खिलाफ कई तरह के तर्क दे रही हैं, लेकिन सरकार मानती है कि ई-फार्मेसी समय की मांग है. सरकार ऑनलाइन दवा बाजार को नियंत्रित करने के लिए ई-फॉर्मेसी कानून ला रही है. अब ऑनलाइन दवा कंपनियां तो इसका समर्थन कर रही हैं, लेकिन दवा दुकानदार प्रस्तावित कानून से इतने नाराज हैं कि बंद का ऐलान कर दिया है. दवा दुकानदारों की पहली आपत्ति दवा की पर्ची और दवाई के मिलान पर है।ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट (एआईओसीडी) ने सरकार के फैसले का विरोध किया है और कहा कि ई-फार्मेसी से उनके बिज़नेस पर खतरा उत्पन्न हो गया है और इससे दवाओं के दुरुपयोग का जोखिम पैदा हो सकता है।ऑनलाइन कंपनियां इसके लिए मुकम्मल व्यवस्था होने का दावा कर रही हैं।दवा दुकानदारों की आपत्ति साइकोट्रॉपिक यानी नशीली दवाओं की बिक्री पर भी है, जबकि प्रस्तावित कानून में ऐसी दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर रोक है। साफ है कि दवा दुकानदारों को धंधे पर चोट दिख रही है लेकिन सरकार दवाओं की ऑनलाइन बिक्री को समय की जरूरत बता रही है।मतलब सरकार कानून लाने के लिए मन बना चुकी है क्योंकि अब तक ऑनलाइन दवा बाजार बिना किसी नियमन के चल रहा था। |