पूर्वाम्नायगोवर्द्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने फिर से साफ किया कि देवघर में बाबा वैद्यनाथ धाम ज्योतिर्लिंग है। देवघर ज्योतिर्लिंग नहीं है, यह किसने कहा? यह विवाद किसने खड़ा किया? क्या वह कोई अधिकृत व्यक्ति है क्या? किसी न कह दिया तो उस व्यक्ति के नाम पर बवंडर फैलाना कहां तक उचित है। कोई कहे कि इंडिया गेट दिल्ली नहीं मुंबई में है, यह बिहार नहीं कानपुर है तो मान लेंगे क्या? अनुकृति लीला है यह। वैद्यनाथ के नाम से देवघर के अलावा महाराष्ट्र और हिमाचल में भी ज्योतिर्लिंग है, यह सुना। इसमें कौन असली और कौन नकली, इस विवाद में मुझे नहीं पड़ना। अनुकृति को लेकर संगति साध सकते हैं पर किसी को नकली नहीं कह सकते। देवघर ज्योतिर्लिंग है। जब से इस पद पर हूं, देवघर ज्योतिर्लिंग का कई बार दर्शन कर चुका हूं। पत्रकारों को धर्म संबंधी छोटी-छोटी बातों पर विवाद नहीं खड़ा करने की सलाह दी।
वे शनिवार को पंचविंशति पट्टाभिषेक महोत्सव के क्रम में अाशियाना नगर फेज वन पार्क में पटना के श्रद्धालुओं से मुखातिब थे। धर्म, अध्यात्म एवं राष्ट्र विषयक गोष्ठी के दौरान शंकराचार्य ने श्रद्धालुओं व पत्रकारों के सवाल पर विस्तार से संबंधित विषय पर विस्तार से चर्चा की।
मंत्र के गलत उच्चारण से गलत प्रभाव : श्री सूक्ति यंत्र जो ऋग्वेद से लिया गया है उसके पूजा करने पर भी लाभ नहीं मिलने और धन हानि होने संबंधी सवाल पर शंकराचार्य ने कहा कि मंत्र के गलत उच्चारण होने पर वह गलत प्रभाव छोड़ता है। अगर धन लाभ ही करना चाहते हैं तो सूर्य को जल दो और पूजा करो। इस मौके पर स्वामी निर्विकल्पानंद सरस्वती, पीसी झा, इंदिरा झा, विवेक विकास, दंडी स्वामी शुभेश्वरानंद सरस्वती आदि ने विचार रखे। जबकि गिरिजानंदन शर्मा, गंगा समग्र अभियान के प्रदेश संयोजक अजय यादव, आरएसएस के शशिकांत ओझा, सविता झा, कांग्रेसी नेता राकेश रंजन, विनय कुमार पाठक, अपूर्व आदि ने उनका आशीर्वाद लिया।
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