समय न्यूज़ 24 डेस्क पटना : बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) प्रशांत किशोर के विवादित बयान पर कानूनी कार्रवाई कर सकता है। जानकारी के अनुसार, प्रशांत किशोर द्वारा BPSC की परीक्षाओं में सीट बेचे जाने संबंधी टिप्पणी के बाद आयोग ने इसे गंभीरता से लिया है और अपने न्यायिक विंग से इस पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आयोग के अधिकारियों का मानना है कि बिना ठोस सबूत के ऐसे बयान न केवल संस्था की छवि को धूमिल करते हैं बल्कि परीक्षार्थियों के मन में भी संदेह पैदा करते हैं।प्रशांत किशोर ने हाल ही में बिहार लोक सेवा आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि आयोग में सीटों की खरीद-फरोख्त होती है। उनके इस बयान ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी और अब इस पर BPSC सख्त रुख अपनाने की तैयारी कर रहा है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि बीपीएससी की कई सीटें 20लाख से लेकर 1.5करोड़ में बेचा गया है। उन्होंने कहा बीपीएससी अभ्यर्थी कोर्ट में लड़ रहे है कि परीक्षा रद्द हो। अभ्यर्थी आज भी गर्दनीबाग में धरने पर बैठे हुए है। अगर बीपीएससी की परीक्षा हो भी जाए तो उनकी नौकीरियां नहीं लगेगी क्योंकि बीपीएससी की सीट पहले ही बेच दी गई है। उन्होंने कहा बिहार में दरोगा, सिपाही, टीटी जैसे कई परिक्षाओं में हर महीने घोटाले की ख़बर आती है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्ष में आज तक कोई घोटाला आरोपी गिरफ्तार नहीं हुआ है। उन्होंने सीएम नीतीश पर तंज कसते हुए कहा कि लाठी की चोट का हिसाब, वोट की चोट से लिया जाए। क्योंकि वोट की चोट से नीतीश सरकार को पांच वर्ष याद रहेगा कि हमने बीपीएससी अभ्यर्थी पर लाठी चार्ज किया था।
जानकारी के मुताबिक, BPSC का न्यायिक विभाग पूरे मामले की समीक्षा कर रहा है और कानूनी पहलुओं पर चर्चा की जा रही है। अगर सब कुछ तय योजना के अनुसार हुआ तो प्रशांत किशोर पर जल्द ही कोई बड़ा एक्शन लिया जा सकता है। प्रशांत किशोर ने कहा कि,”बिहार में BPSC की सीटें बेची जाती हैं। जब तक यह सिस्टम नहीं बदलेगा, तब तक योग्य अभ्यर्थियों को न्याय नहीं मिलेगा।” उनके इस बयान से बिहार की प्रशासनिक परीक्षाओं की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए हैं, जिससे BPSC सख्त नाराज है और कानूनी कदम उठाने की तैयारी में है।
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