रांची : मिशनरीज ऑफ चैरिटी की संस्था निर्मल ह्दय से बच्चों को बेचे जाने के मामले में जेल में बंद सिस्टर कोंसीलिया ने खुद को बचाने के लिए संस्था की स्टॉफ अनीमा इंदवार को जेल में बयान बदलने को कहा था. जेल में मिलने गये कुछ मिशनरी संस्था के लोग और वकील के कहने के कहने पर उसने नौ जुलाई को अनीमा इंदवार को कागज पर बयान लिख कर दिया था. केस की पूर्व अनुसंधानक महिला दारोगा नीलमा भेंगरा की ओर से तैयार केस डायरी से इसकी पुष्टि होती है. पुलिस की केस डायरी के अनुसार, अनुसंधानक नीलम भेंगरा सिपाही रेखा कुमारी और सुनीता तिर्की के साथ 13 जुलाई को पांच बजे होटवार जेल पहुंची थी.
इसके बाद शाम 6.30 बजे दोनों को लेकर कोतवाली थाना पहुंची. यहां पर दोनों की तलाशी ली गयी थी. तलाशी के दौरान ही अनीमा इंदवार ने कागज पर लिखे इस बयान को निकाल कर पुलिस के हवाले कर दिया. उसने बताया कि जेल में कुछ मिशनरी संस्था के लोग और वकील गये थे. उनलोगों ने सिस्टर कोंसीलिया से बात की और कहा कि सभी अपराध अनीमा इंदवार को कबूल करने के लिए बोलना. खुद से कुछ स्वीकार नहीं करना. इसके बाद सिस्टर कोंसीलिया ने कागज पर बयान लिख कर उसे दिया और कहा कि पुलिस के सामने इस पर जो लिखा है, वही बोलना. केस डायरी के अनुसार, सिस्टर कोंसीलिया ने अनीमा को जो कागज दिया था, उस पर लिखा था कि चुनू का पैसा, हेमलता का पैसा मैं ही रखी हूं. 78 हजार वापस देने के लिए बैग में रखी हूं. 22 हजार भी वापस कर दूंगी. सिस्टर नहीं जानती है. इससे पूर्व अनीमा इंदवार ने सीडब्ल्यूसी के सामने में लिखित रूप में स्वीकार किया था कि वह सिस्टर कोंसीलिया के साथ मिल कर बच्चों को बेचने का काम करती थी.
चार बच्चों को बेचने की बात स्वीकार की थी
अनीमा ने पुलिस को यह भी बताया था कि उसने एक महिला का बच्चा 50 हजार में मोरहाबादी में रहनेवाले एक परिवार को दिया था. दूसरा बच्चा भी इतनी ही राशि में कांटाटोली में रहनेवाले परिवार को दिया था. तीसरे बच्चे को कितने में बेचे गया, इसकी जानकारी उसे नहीं है. चौथा बच्चा सिस्टर कोंसीलिया के साथ मिल कर एक लाख 20 हजार रुपये में बेचा था. उसने यह भी बताया था कि बच्चा बेचने के बाद वह 20 हजार रुपये छिपा ली थी, एक लाख रुपये सिस्टर कोंसीलिया को दी थी. वहीं सिस्टर कोंसीलिया रुपये लेने की बात पूर्व में स्वीकार कर चुकी थी
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