जदयू के बरिष्ठ नेता ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने विरोधी दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा बोधगया से साइकिल मार्च शुरू करने पर सवाल उठाया है। कहा कि उन्हें गया के बदले छपरा से मार्च शुरू करना चाहिए था। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बोधगया भगवान बुद्ध की धरती है। वहां से उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। दुनिया को शांति का संदेश दिया था। आज उनका संदेश देश की राष्ट्रीयता का भी प्रतीक बना हुआ है। ज्ञान और शांति की धरती पर लालू परिवार का क्या काम? हां, छपरा से लालू परिवार का गहरा नाता है। धोखाधड़ी के लिए कुख्यात नटवरलाल का भी छपरा से नाता था। आरोप मढ़ा कि जिस तरीके से पैसा कमाने के लिए लालू परिवार ने कारनामे किये, उसके अनुसार नटवरलाल से लालू परिवार का चरित्र मेल खाता है। खैर बीएमडब्लू सहित अन्य महंगी गाड़ियों पर चढ़ने वाले इसी बहाने साइकिल की यात्रा करेंगे तो उन्हें पता चलेगा कि गरीबों की जिंदगी कैसी होती है। वैसे भी तेजस्वी जिस मुद्दे पर यात्रा कर रहे हैं, उससे साफ होता है कि बेरोजगार विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार के सुशासन को किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नही है।
वहीं श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार की जनता एनडीए की सरकार में चैन से रह रही है। आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव साइकिल चलाने का नाटक कर रहे हैं। वे सकारात्मक विपक्ष की भूमिका में रहें तो बेहतर होगा। कहा कि तेजस्वी को भ्रष्टाचार के आरोपों से बरी होने के बाद ही जनता के बीच जाना चाहिए।
प्रदेश जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने विपक्ष के नेता की साइकिल यात्रा पर तंज कसते हुए कहा है कि जिनको पैदल चलना नहीं आता, वो साइकिल सीखकर यात्रा निकाल रहे हैं। तेजस्वी साइकिल से पहले पैदल चल लेते तो बेहतर होता। बिहार की जनता उनको बराबर चलता देख तो लेती। कहा कि यात्रा पर निकलने के पहले बिहार में साइकिल का इतिहास भी जान लेते तो बहेतर होता। श्री सिंह ने कहा कि बिहार में साइकिल को सबसे ज्यादा महत्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिया। वे जब 2005 में बिहार की सत्ता में आये तो बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने लिए साइकिल योजना की शुरुआत की थी। आज बिहार में बेटियों की साक्षरता दर बढ़ी है तो उसमें साइकिल का योगदान है। आज बिहार में बेटियां खुश हैं और पूरी तरह सुरक्षित भी हैं।
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