झारखंड में बिना आधार नंबर के भी जमीन और किसी संपत्ति की रजिस्ट्री हो सकेगी। यह सुविधा सिर्फ अप्रवासी भारतीय, विदेश में रह रहे भारतीय मूल के व्यक्ति और पार समुद्री भारतीय नागरिक को मिलेगी। इसके लिए राजस्व, निबंधन व भूमि सुधार विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट को भेज दिया है। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद उसे लागू कर दिया जायेगा।
किसी भी संपत्ति की रजिस्ट्री कराने के लिए आधार का नंबर जरूरी है। आधार नंबर डालने के बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ती है। ऐसे में अप्रवासी भारतीय, विदेश में रह रहे भारतीय मूल के व्यक्ति और पार समुद्री भारतीय नागरिक को आधार नंबर नहीं मिलने से रजिस्ट्री की समस्या आ रही थी। आधार बनाने के लिए 182 दिन भारत में रहना अनिवार्य है। अप्रवासी भारतीय, विदेश में रह रहे भारतीय मूल के व्यक्ति और पार समुद्री भारतीय नागरिक को संपत्ति रजिस्ट्री के साथ-साथ विवाह के निबंधन में भी यह कठिनाई होती है। इस पर पासपोर्ट संख्या या पार समुद्री भारतीय नागरिक कार्ड के माध्यम से विवाह का निबंधन तो कराया जा रहा है। ऐसे में संपत्ति की रजिस्ट्री में भी आधार नंबर को छूट दी जायेगी, जिससे विदेशों में रह रहे भारतीय यहां की संपत्ति की खरीद-बिक्री कर सकेंगे।
निबंधन कार्यालयों से आयी शिकायत पर कार्रवाई
राज्य के निबंधन कार्यालय और मुख्यालय स्तर पर शिकायत मिलने के बाद विभाग ने आधार नंबर से इन्हें मुक्त रखने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रस्ताव को मंत्री अमर कुमार वाउरी ने अपनी समहति दे दी है। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद उसे राज्य भर में लागू कर दिया जायेगा और एनआरआई समेत विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के निवासी यहां संपत्ति की खरीद-बिक्री कर सकेंगे।
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