झारखंड के हर गांव में स्थापित होगा बायो गैस प्लांट: सीएम रघुवर दास

City: Ranchi | Date: 24/07/2018
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मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ऐलान किया कि राज्य के हर गांव में बायोगैस प्लांट स्थापित होगा। इसके लिए राज्य के सभी मुखिया और स्वयं सहायता समूह की दीदीयों को टास्क दिया है। मुख्यमंत्री सोमवार को प्रोजेक्ट भवन में स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण और गोबरधन योजना का शुभारंभ कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुखिया व स्वयं सहायता की दीदी गांव में गायों की सूची तैयार करें। गांव के बाहर बायो गैस प्लांट लगाएं। इसमें गोबर समेत गांव का अन्य कचरा डालें। इससे गांव साफ-सुथरा रहेगा। बीमारी कम होगी और हरित ऊर्जा के साथ जैविक खाद भी मिलेगी। जो लोग गाय का गोबर देंगे उन्हें नि:शुल्क जैविक खाद मिलेगी, जबकि बाकि को बेचा भी जा सकेगा। मुखिया अगर पंचायत में इसे करेंगे तो केंद्र सरकार सौ फीसदी सब्सिडी देगी, जबकि स्वयं सहायता समूह करेंगे तो उन्हें 70 फीसदी सब्सिडी मिलेगी। जरूरत पड़ी तो राज्य सरकार भी मदद करेगी। स्वच्छ शहर के बाद अब स्वच्छ ग्रामीण बनाना हम सबका लक्ष्य है। सीएम ने कहा कि गोबरधन योजना के लिए सभी उपविकास आयुक्त मुखिया व स्वयं सहायता दीदी की बैठक बुलाएं। इस योजना को जन आंदोलन का रूप दें।

गांव को सुधारने कोई भगवान नहीं आयेंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव को सुधारने के लिए भगवान नहीं आएंगे। इसके लिए लोगों को पहल करनी होगी। जनता की भी जिम्मेदारी है। सरकार सिर्फ इसमें मदद कर सकती है। अगर सरकार ही सब कुछ करती तो कांग्रेस के इतने लंबे शासनकाल में गांवों की स्थिति बदल जाती।

मुखिया के अधिकारों का नहीं हुआ हनन

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव में विकास समिति के बनने से मुखिया के अधिकारों का हनन नहीं हुआ है। सरकार ने मुखिया के अधिकारों को कम नहीं किया है। जनता ने मुखिया को गांव के विकास के लिए चुना है न कि स्वयं मुखिया के विकास के लिए। अच्छा काम करेंगे तो वही लोग बार-बार मुखिया चुनेंगे। गांव में ही चैकडेम बनना है या फिर कोई और काम होना है, उसका निर्णय राज्य सरकार क्यों करे? गांव की विकास समिति बैठकर इसका निर्णय ले कि क्या करना है?

दो अक्तूबर को बापू को समर्पित होगा स्वच्छ झारखंड

रघुवर दास ने कहा कि दो अक्तूबर को गांधी जयंती के दिन तक स्वच्छ झारखंड बापू के चरण में समर्पित किया जायेगा। राज्य के 85 फीसदी क्षेत्र खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) हो चुके हैं। पलामू, गुमला, गोड्डा और पूर्वी सिंहभूम में शौचालय निर्माण की गति धीमी है। ऐसे में इन चारों के अलावा बचे अन्य जिलों जो ओडीएफ घोषित नहीं हुए हैं वे दो अक्तूबर से पहले इसे पूरा कर लें।

खुले में शौच से मुक्त करना बड़ी चुनौती : चौधरी

पेयजल स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि खुले में शौच से मुक्त करना देश व राज्य के लिए बड़ी चुनौती है। देश को दो अक्तूबर 2019 तक ओडीएफ करने का लक्ष्य रखा गया है,वहीं झारखंड ने दो अक्तूबर 2018 तक का अपना लक्ष्य रखा है। झारखंड ऐसा करता है तो देश का पहला राज्य होगा।

 

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