भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल के खिलाफ विपक्ष ने गुरुवार को झारखंड बंद का ऐलान किया है। इसके समर्थन में पूर्व संध्या पर बुधवार को विपक्ष ने राज्यभर में मशाल जुलूस निकाला और लोगों से बंद में साथ देने की अपील की। वहीं बंद को लेकर प्रशासन ने भी कमर कस ली है। राज्य के विभिन्न हिस्सों से विपक्षी दलों के कई नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। गृह सचिव व डीजीपी ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि बंद के दौरान हिंसा या तोड़फोड़ हुई तो मामले का स्पीडी ट्रायल कराया जाएगा।
इसी दौरान सुबह सवा दस बजे मानगो चौक पर झाविमो नेता जटाशंकर पांडेय और अजीत सिंह की पुलिसकर्मियों से हाथापाई हो गई। मुख्य सड़क पर बंद समर्थकों व पुलिसकर्मियों की धक्का-मुक्की एवं सड़क पर घसिटने से आम लोगों में भी अफरातफरी मच गई। पुलिसकर्मियों ने बंद समर्थकों के हाथों से झंडा छीन लिया। इससे नाराज होकर बंद समर्थक बीच सड़क पर बैठकर रघुवर सरकार हाय-हाय का नारा लगाने लगे। इससे कुछ देर तक मानगो मेन रोड पर जाम लगा रहा। साकची की ओर जा रहे सैकड़ों दो व चार पहिया वाहन जाम में फंसे थे। डिमना रोड की दुकाने बंद थीं। सत्रह बंद समर्थकों को मानगो चौक स्थित टीओपी में ले जाया गया।
रांची की सड़कों पर पसरा रहा सन्नाटा
भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन के खिलाफ विपक्षी दलों के झारखंड बंद का रांची सहित आसपास के जिलों में खासा असर दिखा। राजधानी रांची में भारी मात्रा में सुरक्षाबलों की तैनाती के कारण बंद समर्थक उत्पात नहीं मचा सके लेकिन शहर की लगभग सभी दुकानें बंद रहीं और सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। शहर के पिस्का मोड़, हटिया के सिंह मोड़ को बंद समर्थकों ने जाम कर दिया। दोनों जगहों पर पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा। टाटानगर स्टेशन के आउट गेट स्थित चाईबासा बस स्टैंड पर विपक्षी दलों की बंदी के कारण सुबह से सन्नाटा रहा। चाईबासा, मुसाबनी, हल्दीपोखर व ओडिशा मार्ग की एक भी बस नहीं खुलीं। इससे ट्रेन से उतरे सैकड़ों यात्री परेशान हुए।
बंद की पूर्व संध्या पर मशाल जुलूस
झारखंड बंद की पूर्व संध्या पर झामुमो, कांग्रेस, झाविमो और अन्य विपक्षी दलों ने पूरे राज्य में मशाल जुलूस निकाला। रांची के अलबर्ट एक्का चौक पर विपक्षी दलों के कार्यकर्ता जुटे। उन्होंने सरकार विरोधी नारे लगाए। उन्होंने दावा किया कि बंद में जनता का भी साथ मिल रहा है। बंद पूरी तरह सफल रहेगा।
नुकसान की भरपाई राजनीतिक दल करेंगे
गृह सचिव एसकेजी रहाटे ने कहा कि 3 नवंबर 2003 को झारखंड हाईकोर्ट ने खास पार्टी के लिए आदेश जारी कर कहा था कि बंद का आह्वान और इसे जबरदस्ती लागू करना असंवैधानिक है। यह आदेश आज भी जारी है। बंद में सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान हुआ, राजनीतिक दलों से ही क्षतिपूर्ति करायी जाएगी।
भाजपा ने साधा निशाना
भाजपा ने विपक्ष पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि भूमि अधिग्रहण बिल पर जनता को भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है। अपना वजूद बचाने के लिए विपक्ष ने झूठे मुद्दे बनाकर बंद बुलाया है। बंद असंवैधानिक व अनैतिक है। झारखंड के गृह सचिव एसकेजी रहाटे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि भीड़ द्वारा हिंसा या अपराध होता है तो यह राज्य की जिम्मेदारी होगी। ऐसे में राज्य प्रशासन ने हिंसा से निपटने की पूरी तैयारी की है।भू-राजस्व मंत्री अमर बाउरी ने बताया कि भूमि अधिग्रहण बिल पर विपक्ष अनर्गल आरोप लगा रहा है। अगर बिल में किसी प्रकार की गड़बड़ी है तो विपक्ष 2019 के चुनाव में बहुमत साबित करें और मुख्यमंत्री व मंत्री को जेल में डाल दें।
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