जनता दल यू के जोकीहाट के विधायक सरफराज अलाम ने पार्टी से और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उनके पार्टी छोड़ने के बाद से यह तय माना जा रहा है कि वो अररिया संसदीय क्षेत्र से होने वाले उपचुनाव में आरजेडी के उम्मींदवार बनेंगे.अररिया के सांसद मोहम्मद तस्लीमुद्दीन के निधन के बाद यह सीट खाली हुई है. तस्लीमुद्दीन सरफराज आलम के पिता थे. पिता के आरजेडी में होने के बावजूद पिछले दो टर्म से सरफराज आलम जनता दल यू के विधायक हैं.आरजेडी के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव इसे जनता दल यू को झटका बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी और विधायक टूटेंगे. साथ में नीतीश कुमार पर भी तंज कसा कि मैं तो अभी बच्चा हूं. हांलाकि, तस्लीमुद्दीन के निधन के बाद यह सबको पता था कि आरजेडी उनके बेटे सरफराज को ही टिकट देने वाली है. क्योंकि उस इलाके में तस्लीमुद्दीन काफी लोकप्रिय नेता थे और उनके बेटे को टिकट देने से सहानूभूति भी मिलेगी.पिछले लोकसभा के चुनाव में आरजेडी के उम्मीदवार तस्लीमुद्दीन ने बीजेपी को करीब एक लाख 48 हजार वोट से हराया था तब जनता दल यू भी अलग से चुनाव लड़ी थी. इस बार बिहार में एक संसदीय और दो विधानसभा के उपचुनाव 11 मार्च को होने हैं.जनता दल यू से इस्तीफा देने के बाद विधायक मोहम्मद सरफराज आलम ने विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है. सरफराज आलम ने इस्तीफे के बाद कहा कि हमारे ऊपर जनता का प्रेशर था इसलिए मैंने इस्तीफा दिया. आगे जनता के आदेश पर फैसला लिया जाएगा.उन्होंने कहा कि हम कोई बड़े नेता नहीं हैं, तस्लीमुद्दीन साहब ने संघर्ष किया था ऐसे नहीं पहुंचे थे, हमको कहीं कोई घुटन नहीं हैं. लेकिन जनता जो चाहती है और जनता का प्रेशर था और मैंने इस्तीफा दिया. आगे अररिया से जनता अगर कहेगी तो चुनाव लड़ेंगे, मैं जदयू पर कोई कमेंट नहीं करूंगा वो वक्त और हालात बताएगा.सरफराज आलम के इस्तीफे के बाद जदयू ने कहा है कि जदयू को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि चुनाव के वक्त इस इस तरह के इस्तीफे होते रहते हैं, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल ने अपना आधार खो दिया है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार काम कर रही है और नरेंद्र मोदी की जो लोकप्रियता है उससे आगामी उप चुनाव हम अररिया से जीतेंगे.आरजेडी ग़लतफ़हमी में है कि सरफराज के जाने से कोई बहुत कुछ हासिल कर पाएंगे, ये किस तरह का जोड़-तोड़ है कि आपने एक दल के विधायक को संसद का टिकट का प्रलोभन देकर तोड़ा. इससे चुनाव में कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
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