समय न्यूज़ 24 डेस्क
धनबाद कोयलांचल में में तेजी से बढ़ते वायु प्रदूषण से आम लोगों की जिंदगी सांसत में है. प्रदूषण के कारण लोग अस्थमा, टीबी, कैंसर जैसी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं.
शहर के सरकारी अस्पतालों में टीबी, अस्थमा और कैंसर के लक्षण वाले मरीजों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है. इससे स्वास्थ्य विभाग भी सकते में है. सिविल सर्जन डॉ. आलोक विश्वकर्मा ने बताया कि कैंसर पीड़ित मरीजों को बेहतर इलाज के लिए मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना के तहत अब तक 5 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है.
जीटा के महासचिव और पूर्व में प्रदूषण बोर्ड के सदस्य रहे राजीव शर्मा ने कहा कि धनबाद में वायु प्रदूषण के लिए मुख्य जिम्मेवार बीसीसीएल है. खुली खदानों से निकलने वाले धूलकण, गैस और कोयले की ढुलाई हाईवा से निकलने वाले धुएं से प्रदूषण का स्तर घटने की बजाय बढ़ता जा रहा है. अफसोस यह कि इसे रोकने के सभी उपाय फेल हैं. पहले शहर में प्रदूषण मॉनिटरिंग स्टेशन भी नहीं था. अब इसकी शुरुआत हुई है. इससे वायु प्रदूषण का स्तर पता चल सकेगा.
धनबाद में पिछले 5 माह में वायु प्रदूषण का स्तर दोगुना से भी ज्यादा बढ़ा है. इसका खुलासा झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के आंकड़ों से हुआ है. पर्षद ने शहर के 5 स्थानों बरटांड़, भगतडीह, बस्ताकोला सिंदरी और कुसुंडा में वायु प्रदूषण का स्तर (पीएम) 10 रिकॉर्ड किया है. आंकड़े के अनुसार, झरिया के भगतडीह की हवा सबसे अधिक प्रदूषित है जहां पीएम का औसत स्तर 467 माइक्रोन प्रतिघनमीटर तक पहुंच गया है.
धनबाद के सिविल सर्जन डॉ. आलोक विश्वकर्मा ने भी कोयलांचल में टीबी, अस्थमा और कैंसर के मरीजों कि संख्या में बढ़ोतरी की बात स्वीकार की है. कहा कि वायु प्रदूषण लोगों के फेफड़ों के साथ ह्रदय को भी डैमेज कर रहा है. हाल वर्षो में कैंसर के बढ़ते मरीजों को देखते हुए जिले में मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना के तहत मरीजों को 5 करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान किया जा चुका है.
|