: दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के जिलों में चल रही फ्लैगशिप योजनाओं की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि पुराने पाठ्यपुस्तक विद्यालय को लौटाने वाले बच्चों को प्रमाण पत्र दिया जायेगा.
उन्होंने कस्तूरबा विद्यालयों में गलत नामांकन नहीं होने देने के निर्देश दिये. कहा कि गलत नामांकन चिह्नित कर रद्द करें. कस्तूरबा स्कूलों से पास होनेवाली प्रतिभाशाली लड़कियों को राज्य के इंजीनियरिंग और मेडिकल संस्थानों में शिक्षा लेने योग्य बनायें.
आत्मसंतुष्टि के लिए काम करें :
श्री दास ने बैठक में मौजूद उपायुक्तों कोसलाह दी कि वे डयूटी के लिए नहीं, बल्कि आत्मसंतुष्टि के लिए काम करें. उन्होंने कहा कि जनशक्ति में ही सरकार की शक्ति निहित है.
गांव के लोग अपने गांव में अपना काम करायेंगे. आदिवासी विकास समिति और ग्राम विकास समिति लोगों को विकास से जोड़ कर उनकी गरीबी दूर करेगी. पांच लाख रुपये तक की विकास योजनाओं का पैसा सीधे इन समितियों को मिलेगा. ग्रामीण सामूहिक रूप से प्राथमिकता के अनुसार योजना का चयन कर काम करा सकेंगे.
आठ जिलों में लगेंगे रेडी टू ईट फूड के प्लांट: मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्ट फोन दिया जायेगा. सीडीपीओ सेविकाओं को स्मार्ट फोन के उपयोग से आंकड़े अपडेट करने के लिए प्रशिक्षित करेंगी. उन्होंने कहा कि राज्य के आठ जिलों में रेडी टू ईट फूड का प्लांट लगाया जायेगा. जनवरी 2019 से प्लांट का काम शुरू होगा. प्लांट से आंगनबाड़ी केंद्रों तक रेडी टू ईट का परिवहन सखी मंडलों द्वारा किया जायेगा.
24 मई को जल संग्रहण दिवस :
मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 मई को पूरे राज्य में जल संग्रहण दिवस मनाया जायेगा. उसी दिन से राज्य में 1000 तालाब की खुदाई शुरू होगी. सात जून तक तालाबों का निर्माण पूरा कर लिया जायेगा. तालाबों की सूची पब्लिक डोमेन में उपलब्ध होगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं और बच्चियों के स्वास्थ्य पर सरकार का विशेष फोकस है. राज्य में बाल विवाह पर पूरी तरह से रोक लगायी जाये. उन्होंने उपायुक्तों से कहा कि राज्य में छह प्रतिशत मृत्यु गर्भपात से होना दुखद है. समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, विकास आयुक्त अमित खरे, अपर मुख्य सचिव वित्त सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डाॅ सुनील कुमार वर्णवाल समेत अन्य विभागों के प्रधान सचिव, सचिव के अलावा रांची, खूंटी, सिमडेगा, गुमला व लोहरदगा के डीसी मौजूद थे.
योजनाएं लागू करने में बैंकों का सहयोग नहीं
रांची़ : मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार गरीबों से जुड़ी योजनाओं को तेजी से लागू कर रही है. लेकिन, इसमें बैंक पूरी तरह सहयोग नहीं कर रहे हैं. राशि जमा होने के बाद भी लाभुकों को पूरी राशि नहीं मिल रही है. बैंक लोगों को दौड़ाना बंद करें. श्री दास प्रोजेक्ट भवन में सभी बैंकों के राज्यस्तरीय प्रमुखों, महाप्रबंधकों व उप महाप्रबंधकों के साथ आयोजित बैठक में बोल रहे थे. श्री दास ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर बैंकों की सबसे ज्यादा शिकायतें आ रही हैं.
उन्होंने बैंकों को आधार सिडिंग के लिए मुख्यालय व जिला स्तर पर एक नोडल अधिकारी बनाने का निर्देश दिया. बीडीओ द्वारा प्रमाणित करने पर आधार सिडिंग में आनाकानी नहीं होनी चाहिए. बैंक सखी मंडलों पर भी ध्यान दें. सखी मंडलों की मदद से बैंकों के काफी काम हो सकते हैं. हर पंचायत भवन या सुरक्षा बलों के कार्यालय में बैंक एटीएम खुलने चाहिए.
संवेदनशील बनें बैंक: मुख्यमंत्री ने कहा कि वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन आदि के लाभुकों को भी बैंकों द्वारा दौड़ाने की सूचना मिलती रहती है. ऐसा नहीं होना चाहिए. उन्होंने सहयोग नहीं करने वाले बैंकों पर कार्रवाई का आदेश दिया.
108 मोबाइल चिकित्सा वैन कॉल आने के चार मिनटों में मरीजों तक पहुंच रहा है. बेहतर काम करनेवाले इन वैन चालकों को सम्मान मिलना चाहिए.
सभी उपायुक्त सौभाग्य योजना की लगातार समीक्षा करें. विद्युतीकरण कार्य में आनेवाली सभी बाधाएं दूर की जानी चाहिए.
लोहरदगा और सिमडेगा ओडीएफ हो चुके हैं. गुमला, खूंटी और रांची को भी ओडीएफ का लक्ष्य जल्द पूरा करना चाहिए. हर हाल में इस वर्ष महात्मा गांधी की जयंती पर पूरे राज्य ओडीएफ घोषित होना चाहिए.
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