समय न्यूज़ 24 धनबाद
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन के साथ ही जिले के भौंरा की रहने वाली 72 साल की महिला सरस्वती देवी की आंखों में चमक देखने को मिल रही है. पिछले 30 सालों से भी अधिक वह मंदिर निर्माण के लिए मौन व्रत धारण कर रखी हैं. इसके साथ ही मंदिर निर्माण को लेकर वह विभिन्न तीर्थ स्थलों में मन्नत भी मान चुकी है. अपनी मां की आवाज सुनने के लिए परिवार पिछले 30 वर्षों से लालायित हैं, लेकिन उनके परिवार में इस बात को लेकर खुशी भी है. मंदिर निर्माण साथ प्रवेश कर दर्शन करने के बाद ही सरस्वती अपना मौन व्रत तोड़ेंगी. कई बड़े समारोह घर परिवार में हुए, लेकिन अपने परिजनों से सिर्फ और सिर्फ इशारों में ही बात किया. वहीं पोते पीयूष अग्रवाल का कहना है कि बचपन से ही दादी को कुछ बोलते हुए नहीं सुना है.
तीर्थ स्थालों में ही जीवन बीत रहाबेटे हरिराम अग्रवाल का कहना है कि मां रामजन्म भूमि के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास के पास अक्सर जाया करती थीं. उनकी संगति के कारण ही इनकी इच्छा प्रकट हुई. चित्रकूट में वो कल्पवास में भी रह चुकी हैं. घर पर बहुत ही कम रही हैं. उन्होंने बताया कि अक्सर तीर्थ स्थालों में ही इनका जीवन बीता है. मंदिर की भूमि पूजन की खबर सुनकर वह काफी खुश हैं.
परिजनों ने उन्हें मौन व्रत तोड़ने को कहावहीं, रामजन्म मंदिर की भूमि पूजन पर बेटे और परिजनों ने उन्हें मौन व्रत तोड़ने को कहा, लेकिन उन्होंने इशारे में बताया कि मंदिर का निर्माण पूर्ण रूप से होने के बाद मंदिर के अंदर जाकर ही मौन व्रत तोड़ेंगी.
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