समय न्यूज़ 24 डेस्क
झारखंड राज्य के निजी स्कूलों में लॉकडाउन अवधि की सिर्फ ट्यूशन फीस देनी होगी। कोरोना की वजह से जब तक स्कूल बंद रहेंगे तबतक ट्यूशन फीस के अलावा एनुअल फीस, डेवलपमेंट चार्ज, बस किराया समेत अन्य किसी तरह की फीस का भुगतान नहीं करना होगा। अगर कोई निजी स्कूल इस आदेश का पालन नहीं करता है तो उस स्कूल का एनओसी रद्द किया जाएगा और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने गुरुवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी।
स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के विशेष सचिव जटाशंकर चौधरी ने निर्देश दिया है कि शैक्षणिक सत्र 2020-21 में स्कूल फीस में किसी प्रकार की कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। स्कूल खुलने से पहले सिर्फ ट्यूशन फीस ही ली जाएगी। निजी स्कूल किसी कारण से ट्यूशन फीस जमा नहीं करने पर बच्चों का नाम नहीं काटेंगे और उन्हें ऑनलाइन कंटेंट या पढ़ाई की सुविधा से भी वंचित नहीं करेंगे। जब तक स्कूल बंद है तब तक किसी प्रकार की एनुअल फीस, बस फीस या कोई अन्य फीस अभिभावकों से नहीं ली जाएगी।
स्कूल खुलने के बाद शैक्षणिक सत्र के बचे महीनों के आधार पर यह फीस ली जा सकेगी। किसी भी परिस्थिति में अभिभावकों से विलंब शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके अलावा स्कूलों में काम करने वाले शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के वेतन में भी कटौती नहीं की जाएगी जाएगी। साथ ही स्कूल प्रबंधन फीस के लिए कोई नया मद शुरू नहीं करेगा, जिससे अभिभावकों पर अलग से आर्थिक दबाव बने।
आदेश नहीं माना तो एनओसी होगी रद्द
स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने स्पष्ट किया है कि अगर निजी विद्यालय इस आदेश का पालन नहीं करते हैं तो उनके स्कूल की मान्यता ( एनओसी) रद्द की जाएगी या पुनर्विचार की जाएगी। इसमें जरूरत पड़ी तो विभाग आदेश नहीं मानने वाले संबंधित स्कूल प्रबंधन के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई भी करेगा।
16 दिन बाद निकला आदेश
निजी स्कूलों में लॉकडाउन अवधि की सिर्फ ट्यूशन फीस लेने पर नौ जून की बैठक में ही सहमति बन गई थी। शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की अध्यक्षता में नौ जून को अभिभावक संघ और निजी स्कूल प्रबंधन के साथ अलग-अलग बैठक हुई थी, लेकिन 16 दिन बाद आदेश निकल सका। शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो लॉकडाउन शुरू होने के बाद से ही लगातार निजी स्कूलों से फीस माफी की अपील कर रहे थे।शिक्षा मंत्री के अलावा झारखंड एकेडमिक काउंसिल और जिलों के उपायुक्तों ने भी निजी स्कूल प्रबंधन से अनुरोध किया था, लेकिन निजी स्कूलों की ओर से अन्य फीस के लिए भी अभिभावकों पर दबाव बनाया जा रहा था। अब सरकार की ओर से आदेश जारी होने के बाद स्कूल बंद रहने तक सिर्फ ट्यूशन फीस ही स्कूलों में लिए जा सकेंगे।
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