पटना : करीब दो दशक पहले तक लालू प्रसाद को यादवों का मसीहा बताने वाले पूर्व सांसद प्रो रंजन प्रसाद यादव ने शुक्रवार को यादवों के ही सम्मेलन में लालू प्रसाद पर खूब निशाना साधा.
प्रो रंजन ने एसकेएम हाल में आयोजित यादव जागरण मंच के तीसरे राज्य स्तरीय सम्मेलन में लालू प्रसाद का नाम तो एक बार भी नहीं लिया, लेकिन संबोधन का एक चौथाई समय लालू प्रसाद को यादव समाज का हित न करने वाला नेता साबित करने में खर्च कर दिया. यादवों के नेतृत्व की आड़ में अकूत संपत्ति बटोरने वाला तक बता दिया. प्रो रंजन ने अप्रत्यक्ष रूप से नीतीश कुमार की तारीफ की.
मंच के संरक्षक प्रो रंजन प्रसाद यादव ने कहा कि यादव जागरण मंच पॉकेट ऑर्गनाइजेशन नहीं है. जो खुद को यादवों का नेता मानते हैं उन्होने यादवों का नहीं परिवार का भला किया है. 70 साल में देश में तरक्की हुई. बिहार को छोड़कर अन्य प्रदेशों में तरक्की हुई. बिहार में बड़ी आबादी यादवों की ही है. वह पिछड़ते जा रहे हैं. इसके लिए पूर्व सरकार जिम्मेदार है.
यादवों को साजिश के तहत शिक्षित नहीं किया गया. कई मुख्यमंत्रियों का नाम गिनाते हुए कहा कि सभी ने अपने समाज को बढ़ाया और पढाया लेकिन आपने लोगों को अवसर ही नहीं दिया. पिछले बीस सालों में कितने यादवों को नौकरी मिली. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नियुक्तियां कर रहे हैं, क्या गलत कर रहे हैं. उनके पूर्व के मुख्यमंत्री को किसी ने भर्ती करने से मना थोड़े ही किया था. पांच लाख पद रिक्त रहे. यदि इनको भर दिया जाता तो करीब एक लाख पिछड़े
जिसमें यादव भी हैं, उनको नौकरी मिल जाती. पूर्व की सरकार चाहती तो यादवों के मुख्य व्यवसाय दुग्ध उत्पादन को उद्योग का दर्जा मिल जाता.
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