समय न्यूज़ 24 डेस्क
रांची : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई 41कोयला ब्लॉकों की वर्चुअल नीलामी का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है । झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इस नीलामी पर रोक लगाने की मांग की है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18जून को कोयला ब्लॉकों की ऑनलाइन नीलामी की प्रक्रिया शुरू की थी ।
वही झारखंड सरकार की दलील है कि दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से कोयला खदानों का उचित मूल्य नहीं मिलेगा, इसके अलावा कोयला खदानों के व्यावसायिक खनन से आदिवासियों की जिंदगी प्रभावित होगी । झारखंड सरकार ने कहा है कि कोयला खनन का झारखंड की विशाल आबादी और वन भूमि पर सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव के निष्पक्ष मूल्यांकन की आवश्यकता है । राज्य सरकार के मुताबिक केंद्र के नीलामी के फैसले से इन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है ।वही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा मोदी सरकार कॉर्टपरेट घराने को लाभ पहुचाने के इरादे से काम कर रही है । केंद्र सरकार का एकतरफा फैसला राज्यहित मे नही हो सकता,अगर केंद्र सरकार राज्य सरकार को भरोसे में लेकर कोई फैसला नही करेगी तो राज्य सरकार केंद्र के साथ बेहतर समन्वय स्थापित नही कर पायेगी । कोरोनाकाल में प्रवासी मजदूरों को रोजगार देना प्राथमिकता में होना चाहिए यह समय मनमानी करने का नही है ।
गौरतलब है कि जिन कोयला खदानों की नीलामी होने वाली है, उनमें से कई झारखंड में स्थित हैं । केंद्र सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और औद्योगिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए कोयला खदानों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की है जिसका विरोध झारखंड सरकार के साथ साथ देश के पांचों मजदूर संगठन भी कर रहे है ।
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