समय न्यूज़ 24 डेस्क
दो जुलाई से कोल सेक्टर में देशव्यापी हड़ताल को लेकर संयुक्त ट्रेड यूनियन 18जून को देगी नोटिस
धनबाद / गोड्डा - आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत केंद्र सरकार ने कमर्शियल माइनिंग की इजाजत दी है। इसका कोयला उद्योग में सक्रिय मजदूर संगठन विरोध कर रहे हैं। मजदूर संगठनों का मानना है कि कमर्शियल माइनिंग के बहाने कोयला उद्योग का निरीजकरण किया जा रह है। इसके विरोध में 2जुलाई से कोयला उद्योग में हड़ताल की चेतावनी दी गई है। कोयला उद्योग का निजीकरण, कामर्शियल माइनिंग को बढ़ावा, निजी क्षेत्रों को कोल ब्लॉक आवंटन, सीएमपीडीआई को कोल इंडिया से अलग करने इत्यादि के खिलाफ प्रस्तावित हड़ताल के लिए 18जून को कोल इंडिया की तमान अनुषंगी इकाई के मुख्यालय पर नोटिस दिया जाएगा।
2जुलाई से कोल इंडिया में हड़ताल करने हेतु स्ट्राइक नोटिस देने के निर्णय की जानकारी देते हुए बीएमएस के ब्रजेन्द्र कुमार राय ने बताया कि इसबार के आंदोलन में संयुक्त यूनियन पूरी ताकत के साथ सरकार की नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोलेगी। इसी कड़ी में बीएमएस, एचएमएस, एटक, इंटक, सीटू यूनियन की बैठक जूम एप के जरिए बीते 15जून को अलग- अलग कम्पनियों में भी संपन्न हुई। बैठक में 2जुलाई से प्रस्तावित हड़ताल को सफल बनाने की रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया। हड़ताल को सफल बनाने हेतु पिट मीटिंग, नारेबाजी, सभी खदानों में सभी पालियो में की जाएगी| हड़ताल के समर्थन में दीवाल लेखन भी किया जायेगा | 18जून 2020को कम्पनी मुख्यालय में पांचो यूनियन के शीर्ष नेताओं की उपस्थिति में हड़ताल नोटिस दिया जायेगा |
प्रमुख मांगे
कोयला खानों का निजीकरण रोकना
वाणिज्यिक खनन हेतु प्रस्तावित नीलामी रोकना
सीआईएल से सीएमपीडीआईएल को अलग करने के प्रस्ताव को वापस लेना
ठेकेदारी श्रमिकों को एचपीसी मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित करना
एनसीडब्ल्यूए-6के अनुसार 9.3.0के तहत मेडिकल अनफिट कामगारों के आश्रित को नौकरी दिया जाये |
बीएमएस, एचएमएस, एटक, इंटक, सीटू यूनियन के शीर्ष नेताओं ने कोयला मजदूरों से भी आहवान किया है कि 18 जून को मुख्यालय पर स्ट्राइक नोटिस देने वक्त बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें एवं कोल इंडिया को बचाने के लिए 2 जुलाई से प्रस्तावित हड़ताल को सफल बनाएं।
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