रांची. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने झारखंड में पैदल चल रहे मजदूरों के लिए सभी हाईवे पर खाने-पीने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया. हाईवे पर हर 20 किलोमीटर पर सामुदायिक किचन (Community Kitchen) चलाई जाएगी. सीएम ने प्रवासी मजदूरों की प्रदेश वापसी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले पर चिंता जताई और सामाजिक पुलिसिंग का आह्वान किया.
कोरोना संक्रमण से मौत होने पर परिजनों को मिलेगा 4 लाख रुपये
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बाहर फंसे प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित घर वापसी को लेकर गम्भीर हैं. सीएम ने कहा कि कोरोना संक्रमण से मृत्यु होने पर सरकार मृतक के परिजन को चार लाख रुपए देगी. प्रवासी मजदूरों को लेकर पंचायत स्तर पर क्वारंटाइन सेंटर की व्यवस्था की गई जाएगी, जहां गांववाले उनकी देखभाल करेंगे. लॉकडाउन 4.0 को लेकर सीएम ने कहा कि सारे बिंदुओं पर चर्चा के बाद निर्णय लिया जाएगा. राज्य के ग्रीन जोन के जिले रेड जोन में जा रहे हैं. ये चिंंता का विषय है.
प्रवासी मजदूरों के लिए 76 ट्रेनों को एनओसी
बता दें कि सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की अध्यक्षता में गठित मंत्री समूह के उप समिति की बैठक प्रोजेक्ट भवन में हुई. इस दौरान कोरोना को लेकर राज्य में चल रहे राहत कार्यों की समीक्षा की गई. साथ ही प्रवासी मजदूरों की वापसी को लेकर भी मंथन हुआ. मंत्री रामेश्वर उरांव ने बताया कि देश के विभिन्न राज्यों से अबतक 64 ट्रेनें से मजदूरों को प्रदेश लाया गया है. आगे के लिए 76 और ट्रेनों को एनओसी दिया गया है. ट्रेन के अलावा बसों के माध्यम से भी लोगों को लाया जा रहा है.
'लॉकडाउन अवधि की लोन ईएमआई माफ हो'
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सबसे बड़ा बोझ मिडिल क्लास फैमिली पर पड़ा है. राज्य में बड़ी संख्या में ऑटो रिक्शा चालकों की कमाई ठप हो गई है. जिससे उनपर दवाब बढ़ गया है. ऐसे में लोन देने में वे सक्षम नहीं हैं, इसलिए केंद्र सरकार को पत्र लिखकर लॉकडाउन की अवधि की सभी प्रकार की लोन ईएमआई को माफ करने एवं ब्याज नहीं लेने का आग्रह केंद्र सरकार से किया जाएगा.
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