केंद्र और बिहार सरकार अब दोनों चाहती हैं कि बिहार के बाहर फंसे प्रवासी मज़दूरों को लाने का पूरा सिलसिला जल्द से जल्द पूरा किया जाए. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश दिया कि अगले एक हफ़्ते के अंदर अन्य राज्यों से बिहार वापस आने वाले इच्छुक लोगों को वापस आने की पूरी व्यवस्था की जाए. इसके लिए रेलवे तथा अन्य राज्यों के साथ जल्द से जल्द समन्वय स्थापित कर लोगों की घर वापसी की जाए.
नीतीश कुमार ने सभी विभागों के प्रधान सचिवों के साथ पटना में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा कर रहे थे. इस बैठक में उन्होंने माना कि रैंडम टेस्टिंग से काम नहीं चलेगा और बाहर से आ रहे अधिक से अधिक लोगों की कोरोना जांच की जाए. जिसके लिए उन्होंने माना कि वर्तमान जांच की क्षमता को बढ़ाया गया है. हाल के दिनों में 150 के क़रीब प्रवासी मज़दूर कोरोना पॉज़िटिव पाए गए हैं जिससे राज्य सरकार की चिंता बढ़ गई है. इस बैठक में जिला स्तर पर टेस्टिंग बढ़ाने पर भी नीतीश ने अपनी बात दोहरायी और कहा कि इसके लिए आवश्यक टेस्टिंग किट जल्द से जल्द मंगाया जाये.
नीतीश कुमार ने यह भी निर्देश दिया कि सभी ग्राम पंचायतों में कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए उन्हें चार मास्क और एक साबुन दिया जाएगा. ये हर परिवार को मुखिया के माध्यम से वितरित किया जायेगा. लेकिन इस बैठक के बाद एक बात साफ़ दिखी कि बिहार सरकार को नये मामलों के मद्देनज़र अब इस बात में कोई संशय नहीं कि जब तक टेस्टिंग नहीं बढ़ाया जायेगा इस बीमारी की रोकथाम असरदार तरीके से नहीं हो सकती.
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