झारखंड पुलिस की ओर से सोशल मीडिया को लेकर एडवाइजरी जारी की गई हैं। कोरोना वायरस से जुड़ी अफवाह और गलत डाटा शेयर करने पर भी पाबंदी लगा दी गई है। पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि फेसबुक, व्हाट्सएप ,टि्वटर टिक टॉक, यूट्यूब और इंस्टाग्राम का इस्तेमाल सावधानी से करें।पुलिस की आईटी टीम इस पर पैनी नजर रखी हुई है। साथी पुलिस की ओर से चेतावनी दी गई है कि कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया पर गलत जानकारी अफवाह फैलाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी ।सोशल मीडिया के माध्यम से सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों की जानकारी http://www.cybercrime.gov.in, http://twitter@jharkhandpolice और 100 नंबर पर दे सकते हैं। एडवाइजरी में कहा गया है कि कोरोना से जुड़ी गलत खबर सोशल मीडिया पर ना डालें जो ऐसी अफवाह और गलत डाटा सोशल मीडिया में डालेंगे उन पर आईपीसी की कुल 8 धाराओं के तहत कार्रवाई होगी इसमें फेसबुक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से अफवाह फैलाने पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है।
वहीं यदि कोई व्यक्ति ऐसी झूठी जानकारी या धमकी देता है,जीससे कोरोना संक्रमण को लेकर लोगों में भय की स्थिति उत्पन्न होती है, तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाए। इस प्रकार लॉक डाउन के दौरान यदि कोई कंपनी या संस्था सरकारी दिशा निर्देशों का उल्लंघन करें, तो उस वक्त पर वहां कार्यरत जिम्मेदार अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ आईपीसी की धारा के तहत कार्रवाई की जायेगी। आईपीसी की धारा के तहत कार्रवाई पर तुरंत गिरफ्तारी के साथ 2 से 5 साल तक की सजा एवं आर्थिक दंड का प्रावधान है। साथ ही एडवाइजरी में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर अब तक बिना देखे और सोचे समझे लाइक और शेयर करने वाले लोगों पर भी कार्रवाई होगी।
डीजीपी एमवी राव ने गुरुवार को लोगों से अपील की है कि लोग अपने-अपने घरों में रहे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। किसी भी प्रकार के पोस्ट को शेयर या लाइक ना करें जिससे समाज में विद्वेष फैले। साथ ही किसी प्रकार की परेशानी होने पर 100 नंबर पर डायल करें। पुलिस अविलंब मामले में त्वरित कार्रवाई करेगी। उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने को लेकर अब तक झारखंड पुलिस की ओर से 86 मामले दर्ज किए गए हैं। इन सभी मामलों में 126 लोगों को आरोपी बनाया गया है। जिसमें से 71 की गिरफ्तारी हो चुकी है।
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