रांची, हेमंत सोरेन सरकार में वित्त मंत्री व झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा है कि व्यापार, खनन, उद्योग-धंधे बंद होने के कारण राज्य सरकार के लिए आमदनी के सारे स्रोत बंद हैं, लेकिन केंद्र के पास अभी कई स्रोत मौजूद हैं। उन्होंने शनिवार को यह दावा भी किया कि केंद्र से समन्वय में कोई कमी नहीं है और केंद्र सरकार से सहयोग की भी मांग की है। डॉ. उरांव ने स्वीकार किया कि संकट की इस घड़ी में जरूरत पड़ी तो राज्य सरकार कर्ज भी ले सकती है। शनिवार को डॉ. उरांव प्रदेश मुख्यालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
कालाबाजारी की तो होगी कार्रवाई
डॉ. रामेश्वर उरांव ने राज्य के सभी राशन डीलरों को सख्त हिदायत दी है कि इस संकट की घड़ी में राशन की कालाबाजारी न करें, ऐसा करते पकड़े जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
खाद्य आपूर्ति मंत्री ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंद, गरीब और निर्धन परिवारों को भोजन और राशन उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार की ओर से अच्छे इंतजाम किए गए हैं। सभी से लॉकडाउन का पालन करने की अपील की जा रही है और सभी राशन कार्डधारियों, राशन कार्ड के लिए आवेदन देने वाले परिवारों, राशन कार्ड नहीं रहने वाले परिवारों और बाहर से आने वाले लोगों को भी राशन और भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके लिए हर पंचायत स्तर पर दाल-भात केंद्र और खिचड़ी केंद्र की स्थापना की गई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में लॉकडाउन में छूट पर विचार
डॉ. उरांव ने कहा कि देश की बड़ी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। साथ ही, भारत कृषि प्रधान देश है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में लॉकडाउन की छूट देने पर विचार किया जा सकता है, लेकिन कोरोना वायरस पर नियंत्रण को लेकर फिलहाल शहरी क्षेत्रों में लॉकडाउन जारी रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में हम देश के साथ हैं।
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