रांची-कठिन दौर और लॉकडाउन में बंद 130करोड़ देशवासियों के घरों तक बिजली पहुंचती रहे इसके लिए सीसीएल समेत कोल इंडिया की सभी अनुषंगी कम्पनियां निर्बाध रूप से कोयला उत्पादन में लगी हैं। कोयला कंपनियों के करीब 2लाख 80हजार अधिकारी और कर्मचारी सेवा भाव से अपने कार्यों में जुटे हैं। सभी चुनौतियों का सामना करते हुए सीसीएल ने 28मार्च को एक दिन में करीब 6लाख टन कोयले का उत्पादन कर वित्तीय वर्ष 2020-21के किसी एक दिन में सर्वाधिक कोयले का उत्पादन किया। 27मार्च को भी सीसीएल द्वारा 5लाख टन से अधिक कोयले का उत्पादन किया गया, जो इस वित्तीय वर्ष में सर्वाधिक था, लेकिन अगले ही दिन कोयला कामगारों ने अपना यह रिकॉर्ड भी तोड़ दिया।
जन संपर्क विभाग का कहना है कि सीसीएल ने सिर्फ कोयले का उत्पादन ही नहीं बल्कि यह भी सुनिश्चित किया है की ताप बिजली घरों को पर्याप्त कोयला मिलता रहे। कंपनी की शिवपुर साइडिंग से 27मार्च को सर्वाधिक प्रेषण भी किया गया। आवश्यक सेवा की श्रेणी में होने के कारण खदान और विद्युत् क्षेत्र को लॉकडाउन से अलग रखा गया है। सीसीएल समेत कोल इंडिया की सभी अनुषगिक कंपनियों के लाखों कर्मचारी खदानों और कार्यालयों में 3शिफ्ट में काम कर रहे हैं।
सीसीएल प्रबंधन द्वारा सभी कार्य स्थलों और खदानों में कर्मियों के लिए सैनिटाइज़र उपलब्ध कराया गया है। कर्मियों में 30,000 मास्क बांटे जा चुके हैं और लगभग 2 लाख मास्क ख़रीदी की प्रक्रिया जारी है। कार्यालयों सहित मशीनों तक को दैनिक रूप से सैनिटाइज़ किया जा रहा है। सीसीएल चिकित्सकों की टीम द्वारा कर्मियों की स्क्रीनिंग की जा रही है। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी सख्ती से पालन किया जा रहा है। प्रबंधन द्वारा सभी क्षेत्रों को आइसोलेशन वार्ड बना दिए गए है और कुल 180 बेड की व्यवस्था की गई है। डॉक्टर्स, पारा मेडिकल स्टाफ, पुलिस, वैज्ञानिक और बहादुर कोयला कर्मी योगदान दे रहै।
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