चारा घोटाले में सजा का सामना कर रहे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर शुक्रवार को रांची हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। न्यायाधीश अप्ररेश कुमार सिंह ने याचिकाकर्ता के साथ ही सीबीआई की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।
करोड़ों रुपये के चारा घोटाला मामलों में दोषी ठहराये जाने के बाद से लालू प्रसाद यादव रांची जेल में बंद हैं। इससे पहले 21 दिसम्बर को पीठ ने लालू प्रसाद की अर्जी पर अगली सुनवायी चार जनवरी को करना तय किया था। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल लालू प्रसाद की तरफ से कोर्ट में पेश हुए। लालू का पक्ष रखते हुए उन्होंने आरजेडी सुप्रीमो के खराब स्वास्थ्य और उम्र का हवाला देते हुए जमानत देने का आग्रह किया।
कुछ दिन पहले ही लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने कहा था कि लालू प्रसाद को झूठे मामलों में फंसाया गया है। भाजपा सरकार राजनीतिक फायदे के लिए सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर सुनिश्चित कर रही है कि प्रसाद जमानत पर रिहा नहीं हों। तब तेज प्रताप ने कहा था, ‘यह लंबे समय तक नहीं चलने वाला है। मैं जल्द दिल्ली के लिए रवाना होऊंगा और उनकी रिहाई के लिए प्रबंध करूंगा।
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