रांची। स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के सहादत दिवस पर युवाओं और बच्चों ने उन्हें याद कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने राजधानी के कांके रोड स्थित गांधी नगर मैदान में शहादत दिवस की पूर्व संध्या पर हम में है भगत सिंहकार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें बच्चों और युवाओं ने उनकी तस्वीरों को लेकर मार्च निकाला। उनके आदर्शों पर चलने की शपथ ली। आयोजकों ने बताया कि शहीद भगत सिंह ने आठ वर्ष की आयु में ही तय कर लिया था कि वे भारत को ब्रिटिश साम्राज्य से आजादी दिलाएंगे। इसी वजह से उन्होंने 15 साल की आयु में ही घर छोड़ दिया था। उस वक्त उनके परिजन उनकी शादी कराना चाहते थे। तब भगत ने कहा था कि मेरी दुल्हन केवल मेरी मृत्यु होगी। भगत सिंह को लाहौर के सेंट्रल जेल में 23 मार्च 1931 को फांसी दी गई थी। उस वक्त भगत सिंह सिर्फ 23 साल के थे।कार्यक्रम में छात्र नेता आशुतोष द्विवेदी, राजीव रंजन, शशि भूषण भगत, गोविंद झा, कुणाल किशोर, अमन, राकेश, नैतिक, सिद्धार्थ सहित अन्य उपस्थित थे।
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