झारखंड में फिर से वकीलों के बीच से अपर लोक अभियोजक बनाया जाएगा। सरकार ने इसके लिए जरूरी संशोधन कर लिया है। इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। सात साल तक सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों को एपीपी बनाया जाएगा। झारखंड सरकार के इस फैसले का भाजपा विधि प्रकोष्ठ ने स्वागत किया है। प्रकोष्ठ के धनबाद जिला संयोजक नरेंद्र कुमार त्रिवेदी ने कहा कि प्रकोष्ठ की मांग पर जनप्रतिनिधियों ने कई बार यह मांग सदन में उठाई थी। विधायक राज सिन्हा ने तमिलनाडू, महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश की तर्ज पर झारखंड में भी सीधे वकीलों के बीच से एपीपी बनाने की मांग की थी।
पहले यह व्यवस्था बहाल थी, लेकिन कुछ वर्ष पूर्व सहायक लोक अभियोजक को ही अपर लोक अभियोजक के रूप में प्रमोशन देने का फैसला लिया गया था। अब फिर से वकीलों के बीच से एपीपी का चयन किया जाएगा। नरेंद्र ने कहा कि इस निर्णय से झारखंड के सेशन कोर्टों में लंबित मामलों की सुनवाई में तेजी आएगी।
|