समाजवादी पार्टी के नेता रियाज अहमद ने सोमवार को ट्रिपल तलाक को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि शरियत कानून ये कहता है कि तीन तलाक तीन चरणों में दिया जाना चाहिए। लेकिन, तुरंत तीन तलाक का मतलब है चीटिंग करनेवाली महिलाओं की जान को बचाना।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अहमद ने कहा कि अगर एक शख्स अपनी पत्नी को किसी गैर पुरुष के साथ संबंध बनाते हुए देखता है तो उसे पत्नी को जान से मारने की जरूरत नहीं है और वह फौरन तीन तलाक दे सकता है और इससे उसकी जान बच जाएगी। अहमद ने कहा- शरीयत कहता है कि तलाक तीन चरणों में दिया जाना चाहिए। तीन तलाक विकल्प के तौर पर ऐसे समय के लिए रखा जाना चाहिए जब उदाहरण के लिए आप अपनी पत्नी को किसी गैर मर्द के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखते हो। उस वक्त आप क्या करोगे? या तो आप उसे जान से मार दोगे या फिर उससे छुटकारा पाने के लिए उसे तीन तलाक दे दोगे। इसी लिए इसे लाया गया।
हैरान कर देने वाले अपने इस बयान में उन्होंने आगे बताया कि भारतीय जनता पार्टी मुस्लिम महिलाओं का सही मायने में कदर नहीं करती है और सिर्फ वे तीन तलाक के मुद्दे पर राजनीति करती है। अहमद ने कहा- अगर वे वाकई में मुसीबत में घिरी मुस्लिम महिलाओं की चिंता करती है तो उसे चाहिए कि वह आनेवाले महिला आरक्षण बिल में आठ फीसदी मुस्लिम महिलाओं को कोटा रिजर्व कर दे।
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