एससी/एसटी ऐक्ट को नरम बनाने के खिलाफ 2 अप्रैल को ‘भारत बंद’ में भगदड़ के दौरान आग की चपेट में आकर जान गंवाने वाला 12 साल का निखिल आज जिंदा होता तो उसके पैरंट्स खुशियां मना रहे होते। बुधवार को जब निखिल का 5वीं क्लास का रिपोर्ट कार्ड पैरंट्स को मिला तो उनकी आंखों में आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। निखिल ने पांचवी क्लास में टॉप किया है। घायल होकर जान गंवाने वाला 12 साल का निखिल बेशक जिंदगी के इम्तिहान में फेल हो गया हो, लेकिन स्कूल के इम्तिहान में उसने टॉप किया और उसका रिजल्ट फेल सिस्टम को आइना दिखा रहा है।
कृशियन कॉलोनी बागू में रहने वाले बिजली विभाग के लाइनमैन नीरज कुमार का बेटा निखिल (12) 2 अप्रैल को भारत बंद वाले दिन सिब्बनपुरा में रहने वाली मौसी के घर गया था। वह करीब 11 बजे पैदल गौशाला से होकर अपने घर आ रहा था। इस दौरान आंदोलनकारियों की ओर से पुलिस की एक लैपर्ड बाइक में आग लगाने के बाद भगदड़ मच गई। इस दौरान निखिल वहीं था। उसके पिता का आरोप है कि इस दौरान किसी ने भागते हुए उनके बेटे को धक्का मार दिया और वह आग की चपेट में आ गया। आसपास के लोगों ने बताया कि 2 अप्रैल को बच्चा आग में लिपटा हुआ भागा था, वहां लोगों ने आग बुझाकर उसे पास के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवाया था। वहां से उसे दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में रेफर किया गया। इलाज के दौरान 7 अप्रैल को उसकी मौत हो गई थी।
दरअसल 2 अप्रैल को भारत बंद आंदोलन के दौरान अगर पुलिस व प्रशासन पहले से मुस्तैद रहती तो इतना बड़ा उपद्रव नहीं होता और बच्चा उसका शिकार नहीं होता। यही नहीं इस मामले में पुलिस की लापरवाही अब भी दिख रही है। बच्चे को खोने के दर्द स परेशान पैरंट्स अब न्याय के लिए इधर से उधर भटक रहे हैं, पर लगता है पुलिस इस केस में पास होना ही नहीं चाहती।
बच्चे के साथ हुए हादसे के बाद पिता ने जब पुलिस से मामले की जानकारी दी थी, तो पुलिस ने पहले बेटे का इलाज कराने की सलाह दी थी। पिता का कहना है कि इसके बाद जब उन्होंने शिकायत की बात कही, तो पुलिस ने कहा कि बेटे के ठीक होने के बाद आना। वहीं उपद्रव के बाद भी पुलिस ने कभी किसी बच्चे के घायल होने की जानकारी मीडिया को नहीं दी। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पुलिस ने जानबूझकर इस मामले को दबाया है।
निखिल की मौत को एक सप्ताह से ज्यादा का समय बीत गया है। इसके बाद भी अभी तक बच्चे की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पुलिस को नहीं मिल पाई है। निखिल के पिता नीरज ने बताया कि वह रोजाना रिपोर्ट के लिए चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है। विजयनगर थाना प्रभारी नरेश सिंह ने बताया कि दिल्ली के अस्पतालों से एक सिस्टम को फॉलो करने के बाद पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलती है।
बुधवार को निखिल के पैरंट्स को जब उसका रिपोर्ट कार्ड मिला, तो उनकी आंखों से आंसू छलक गए। दरअसल उसने पांचवीं क्लास में टॉप किया है। विजय नगर स्थित कृष्णा मॉडर्न पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाला निखिल पढ़ाई में काफी तेज था। उसके पिता नीरज का कहना है कि रिजल्ट देखकर उनका दर्द और बढ़ रहा है। रह-रहकर उसकी व उसके सपनों की याद आ रही है। वह कम उम्र का होने के बाद भी अपने साथ-साथ परिवार को आगे लेकर जाने की बात किया करता था। नीरज ने दुखी मन से बताया कि उनका एक हाथ 7 साल पहले कट गया था, निखिल उस वक्त बहुत छोटा था। जैसे-जैसे वह बड़ा हो रहा था, मेरे हाथ को लेकर संवेदना दिखाता था। वह हमेशा कहता था, पापा मैं बड़ा होकर कमाउंगा और आप घर में बैठ कर रेस्ट करना। वहीं निखिल की मां राधा ने बताया कि यह रिजल्ट उनके बेटे की काबिलियत को बताने वाला है, इसलिए वह इसे हमेशा संभालकर रखेंगी।
भाई-बहनों में था सबसे होशियार
निखिल 3 भाई बहनों में सबसे छोटा था। उसके बड़े भाई का नाम राहुल है, जबकि बहन का नाम मुस्कान है। ये दोनों भी स्कूल जाते हैं, लेकिन निखिल पढ़ने में इन सबसे होशियार था। यही वजह है कि परिवार को भी उससे काफी उम्मीदें थीं।
|